स्तन कैंसर, स्तन कोशिकाओं के असामान्य विकास का परिणाम है. इस का कोई विशेष कारण ज्ञात नहीं है कि स्तन की मांसपेशी क्यों असामान्य रूप से बढ़ने लग जाती हैं. भारत में स्तन कैंसर बहुत ही सामान्य है. उस के बाद फेफड़ों का कैंसर है. स्तन कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या के निरंतर बढ़ने का कारण है अज्ञानता. यह रोग प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाने पर न तो जानलेवा होगा न ही उपचार के परे. अधिकांश रूप में स्तन में गांठ ही प्रथम लक्षण हो सकता है, परंतु इस के अलावा कई अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.
इन 5 लक्षणों पर विशेष ध्यान दें-
स्तन में सूजन व गांठ : यह एक प्रारंभिक लक्षण है. यदि स्तन का आकार बढ़ने लगे तो अवश्य डाक्टर से सलाह लें.
स्तन से स्राव : यह भी एक सामान्य लक्षण है. प्रत्येक स्तनस्राव दूध नहीं होता है. रक्तमिश्रित या पानी जैसा स्राव होने पर स्तन को दबाना नहीं चाहिए. डाक्टर से संपर्क करना चाहिए.
स्तन पर गड्ढा/त्वचा का निकलना: यदि स्तन की चमड़ी असामान्य प्रतीत हो या रंग में परिवर्तन अथवा मोटा, खुरदरा महसूस हो, जैसे नारंगी का छिलका तो बिना समय गंवाए डाक्टरी सलाह लें.
निपल असामान्य हो जाएं : स्तन के निपल यदि अंदर चले जाएं या वे असामान्य प्रतीत हों तो अवश्य जांच करवाएं क्योंकि कैंसर की कोशिकाओं के विकसित होने पर निपल में असामान्य बदलाव 7 प्रतिशत मरीजों में देखा गया है. स्तन का रंग लाल या सूजा हुआ या निपल के चारों ओर का चर्म बदला हुआ हो सकता है.
स्तन में पीड़ा : स्तन कैंसर से पीडि़त मरीजों का असामान्य लक्षण है स्तन में पीड़ा होना. लोगों में ऐसा भ्रम है कि स्तन की गांठ केवल उसी स्थान पर पीड़ा का कारण होगी, परंतु यह सत्य नहीं है. संपूर्ण स्तन में पीड़ा का अनुभव हो सकता है. ऐसा महसूस हो सकता है मानो कोई फोड़ा रिस या टपक रहा हो. इस पीड़ा को हलके में न लें. तुरंत जांच करवाएं.