हर्ड इम्युनिटी के बारें में हर दिन कुछ न कुछ सुर्ख़ियों में रहता है इसकी वजह से ये जानना मुश्किल हो रहा है कि आखिर देश हर्ड इम्युनिटी से कितना दूर है? लोगों को अभी भी अनलॉक हो जाने पर खुद कितनी सावधानियां बरतने की जरुरत है, क्योंकि अनलॉक होने पर इतने महीने से घर में कैद लोग बिना जरूरतों के भी बाहर घूमने लगे है,जिससे कोरोन संक्रमण की संख्या लगातार बढती जा रही है.
असल में जब कोई बीमारी महामारी का रूप ले लेता है तो उसमें कमी आने के लिए हर्ड इम्युनिटी का होना जरुरी होता है और ये तभी हो सकता है जब अधिक संख्या में लोग इस बीमारी से पीड़ित हो. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे किसी संक्रमण को रोका जा सकता है. कोरोना संक्रमण भी कुछ ऐसी ही महामारी है, जिसे हर्ड इम्युनिटी से रोका जा सकता है. इस बारें में रिजनेरेटिव मेडिसिन रिसर्चर Stem Rx बायोसाइंस सोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. प्रदीप महाजन कहते है किहर्ड इम्युनिटी में अधिकतर लोगों को इन्फेक्शन हुआ हो और वे ठीक हुए है. उन्हें अंदर एंटी बॉडी तैयार हो चुकी है. ये हर्ड इम्युनिटी की स्टेज में आते है, जिसके बारें में अभी हमें बात करने की जरुरत है, जब एक पूरी बड़ी कम्युनिटी में संक्रमण फैलने की वजह से आसपास के सभी लोग इम्यून हो जाते है और आसपास के लोगों में भी एंटी बॉडी फ़ैल जाता है. इससे कमजोर इम्युनिटी वाले लोग और जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है, वे बच जाते है. लोगों को बीमारी अधिक संक्रमित नहीं कर पाती, ये वायरस और बेक्टेरिया कुछ भी हो सकता है.