हर्निया एक ऐसी बिमारी है, जिसका इलाज ऑपरेशन से ही मुमकिन है. हालांकि कुछ सावधानियां बरतकर इस समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है. इस बारें में दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के जनरल सर्जन डॉ. कपिल अग्रवाल कहते है कि जब किसी भी व्यक्ति की शरीर में एक मासपेशी या ऊतक अपनी खोल या झिल्ली से उभरकर बाहर आने लगता है, उसे हर्निया कहते है. इसमें मरीज को तेज दर्द होता है, चलने-फिरने में मुश्किलें आती है. उलटी भी हो सकती है . दरअसल शरीर के किसी हिस्से की मसल्स का कमजोर होने पर और वहां लगातार प्रेशर पडने की वजह से होता है. पेट के ऑपरेशन के बाद हर्निया होना काफी सामान्य होता है.

हार्निया आमतौर पर पेट में होता है, लेकिन यह जांघ के उपरी हिस्से, नाभि और कमर के आसपास भी हो सकता है. हार्निया घातक नहीं होते, लेकिन यह अपने आप ठीक भी नहीं हो सकता. कुछ परिस्थितियों में हर्निया की जटिलताओं से बचने के लिए सर्जरी करनी पडती है. बहुत बार हर्निया का कोई भी लक्षणं दिखाई नही देता , लेकिन कई बार लोगो को पेट में अधिक दर्द होने से इस बीमारी का पता चल पाता है. हर्निया कई प्रकार के होते है, जो निम्न है,

हर्निया के प्रकार

पुरूषों में पाये जानेवाला हर्निया इन्गुइनल (Inguinal) पेट के नीचे की तरफ होता है, जबकि यह बीमारी महिलाओ के मुकाबले पुरूषों में अधिक होता है.

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बच्चों का हर्निया अम्ब्लाईकल (Umbilical) पेट का हर्निया होता है, छह माह से कम उम्र वाले बच्चों को हो सकता है, ये तब होता है जब आंत का उभार पेट की अंदरूनी परत के माध्यम से नाभि के पास पहुंच जाता है. यह काफी सामान्य बिमारी है, खासकर पेट के ऑपरेशन के बाद होती है.

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