उम्र और हड्डियों का अनोखा खट्टा-मीठा रिश्ता होता है. जब हम छोटे होते हैं तो हमारी हड्डियां सबसे बेहतर आकार में होती हैं. लेकिन जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है. इसलिये, हम सबको अपने जीवन के हर पड़ाव में हड्डियों के स्वास्थ्य के महत्व के बारे में सजग होना चाहिये. डॉ आर एस वशिष्ट के मुताबिक जब हमारी उम्र कम होती है हम हड्डियों की मजबूती को उतना महत्व नहीं देते हैं, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ इसे प्राथमिकता देनी चाहिये. खासकर महिलाओं को, क्योंकि 30 साल की उम्र के बाद इनमें हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने की आशंका अधिक होती है.
फैक्ट: जन्म के समय और नवजातों, शिशुआ की हड्डियां नरम तथा लचीली होती हैं
बच्चों की हड्डियां नरम और लचीले मटेरियल से बनी होती हैं, जिन्हें कार्टिलेज कहते हैं. यह बच्चे को बढ़ने और वयस्क कद तक पहुँचने में मदद करती हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि इसके बाद इस कार्टिलेज में कैल्शियम जमा होने लगता है और मजबूत हड्डियों के रूप में यह सख्त होने लगता है.
फैक्ट : बचपन (1-9 वर्ष): यह बेहद महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि स्केलेटन विकसित होता है और उसका घनत्व बढ़ता है
बचपन में हमारी हड्डियां आकार और घनत्व में बढ़ती हैं, क्योंकि हड्डियों में कैल्शियम और अन्य खनिज जमा हो रहे होते हैं. जिन छोटे बच्चों को कैल्शियम और विटामिन डी3 नहीं मिल रहा है, उनमें हड्डियों में कमजोरी, पैर मुड़े हुए और अन्य समस्याएं हो सकती हैं.
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