पल्स औक्सीमीटर मशीन आज हर घर की जरूरत है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सब से बड़ी दिक्कत औक्सीजन की कमी की आ रही है. सांस लेने में तकलीफ होती है, सांस उखड़ने लगती है और फेफड़े सूखने लगते हैं. अपनी सांसों पर सही नियंत्रण रखना आज के समय में सब से बड़ी चुनौती है. कोरोना सब से ज्यादा असर फेफड़ों पर ही करता है. डाक्टरों और चिकित्सकों के अनुसार, औक्सीजन लैवल 90 से ऊपर होना ठीक रहता है. लेकिन जब डाक्टर हर समय आप के पास मौजूद न हो तो यह कैसे पता किया जाए कि कितना औक्सीजन लैवल है, इसलिए यह काम पल्स औक्सीमीटर करता है. इस से आप हर समय अपने औक्सीजन लैवल को जांच सकते हैं. अब जब इस की जरूरत इस समय सब से अधिक है तो यह बात जान लेनी जरूरी है कि यह कैसे काम करता है और यह कितने प्रकार का होता है. औक्सीमीटर के प्रकार
– फिंगर टिप पल्स औक्सीमीटर.
– हैंडहेल्ड औक्सीमीटर.
– फेटल पल्स औक्सीमीटर.
घरों में फिंगर टिप औक्सीमीटर का प्रयोग किया जाता है. अन्य 2 का उपयोग हौस्पिटल व क्लिनिक्स में किया जाता है. जब भी आप इसे खरीदें तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें.
ये भी पढ़ें- ब्लडग्रुप डाइट अपनाएं और वजन घटाएं
– इसे खरीदते वक्त तीनचार मशीनों में उंगली डाल कर एक्यूरेसी चैक करें. जिस में आप को रीडिंग सटीक लगे, वही खरीदें.
– यदि आप औनलाइन खरीद रहे हैं तो संबंधित मशीन के रिव्यूज पढ़ें, फिर और्डर करें. लेकिन जहां तक मुमकिन हो, ऐसी इलैक्ट्रौनिक चीजें औनलाइन खरीदने से बचें.
– एफडीए, आरओएचएस और सीई जैसी सर्टिफाइड डिवाइस खरीदना सही रहता है क्योंकि इन की सटीकता, क्वालिटी और स्तर पर भरोसा किया जा सकता है.
– डिस्प्ले चमकदार और क्लीयर होना चाहिए. कुछ का डिस्प्ले चारों दिशाओं में घुमाया जा सकता है. कुछ कंपनियां वाटर रैजिस्टैंट मशीन्स भी उपलब्ध करा रही हैं. कुछ में ब्लूटूथ फीचर्स भी उपलब्ध हैं. आप अपनी आवश्यकतानुसार खरीद सकते हैं.
– मशीन के साथ आई डोरी को उस में डाल कर प्रयोग करें, साथ ही प्रयोग करने के बाद फौरन उसे बौक्स में रखें ताकि मशीन सुरक्षित रहे.
– यदि मशीन अधिक उपयोग में लाई जा रही है तो 6 माह में बैटरी बदल दें ताकि रीडिंग सही आए. क्या है कीमत फिंगर टिप औक्सीमीटर की रैंज 700 रुपए से ले कर 5,000 रुपए तक है. चूंकि इस का काम केवल खून में औक्सीजन के स्तर को मापना है, इसलिए बहुत अधिक महंगा लेने का कोई औचित्य नहीं है. 1,500 से 2,000 रुपए तक की रैंज में यह बढि़या मिल जाता है. कैसे करें उपयोग कम से कम 10 मिनट के आराम के बाद ही औक्सीजन का लैवल मापें. सीधा बैठ कर हथेली को दिल की ऊंचाई पर रख कर इंडैक्स फिंगर के अगले हिस्से पर औक्सीमीटर लगाएं. रीडिंग सैंसर आप के नाखून पर न हो कर त्वचा पर होना चाहिए. रीडिंग आने तक शांत रहें और ज्यादा हिलेंडुलें नहीं. शुरुआती रीडिंग के बाद जो रीडिंग आए, उसे ही फाइनल सम झें.