फैमिली बढ़ाने और पैरेंट्स बनने की तैयारी कर रहे कपल्स को हेल्थ इंश्योरेंस के साथ मिलने वाले मैटरनिटी बेनिफिट के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. फैमिली को आगे बढ़ाने का फैसला सिर्फ इमोशनल नहीं होता है, बल्कि बढ़ती हुई मंहगाई को देखते हुए फाइनैंशल डिसीजन पर विचार करना भी आवश्यक है.
मैट्रो शहरों में खराब लाइफस्टाइल और हेल्थ प्रौब्लम्स अस्पताल में भर्ती होने के दौरान मेडिकल कास्ट को बढ़ा सकती है. प्रेग्नेंसी के दौरान स्कैन, डौक्टर से एडवाइस और डिलीवरी से जुड़े खर्च बहुत अधिक हो सकते हैं. प्राइवेट अस्पतालों की बढ़ती हुई एडमिशन फी, खासकर सिजेरियन डिलीवरी, प्राइवेट कमरे या आईवीएफ जैसे महंगे इलाज की स्थिति में फैमिली की फाइनैंशल पोजीशन पर भारी असर डाल सकती है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस फैमिली को अचानक आने वाले मेडिकल खर्चों से बचाने में मदद करता है और मानसिक शांति के साथसाथ आर्थिक स्थिरता भी प्रदान करता है. फैमिली बढ़ाना एक बेहद खुशी का पल होता है, और यह बिना किसी फाइनैंशल स्ट्रेस या गुड ट्रीटमेंट की चिंता के ऐसा ही बना रहना चाहिए. हेल्थ इंश्योरेंस आपको इन सभी चिंताओं से मुक्त होने और आपके जीवन के सबसे बड़े और सबसे सुखद पल में पेरेंट्स बनने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है.
नए जमाने के मेटरनिटी प्रोडक्ट आज के यंग फैमिली की मांगों को कैसे पूरा करते हैं- सिद्धार्थ सिंघल, हेड-हेल्थ इंश्योरेंस, पौलिसीबाजार डौट कौम का कहना है कि जो कपल हाल ही में पैरेंट्स बनने वाले हैं उनके लिए भी कवरेज है. एक दशक पहले, मैटरनिटी कवरेज को केवल लिमिटेड प्रौफिट वाले औप्शन के रूप में देखा जाता था, जिसमें केवल बच्चे के जन्म तक होने वाले खर्चे शामिल होते थे. ट्रैडिशनल प्रोडक्ट्स में मैटरनिटी कवरेज के लिए आमतौर पर 1-2 साल का वेटिंग पीरियड होता था, जिससे यह उन लोगों के लिए प्रॉफिटेबल नहीं होता था. जो जल्द ही प्रग्नेंसी की प्लानिंग बना रहे होते थे. इस वजह से कम से कम वेटिंग पीरियड वाले प्रोडक्ट की कमी उजागर हुई.