सवाल
मैं 32 वर्षीया विवाहिता हूं. मेरी 2 बेटियां हैं, जबकि मेरे जेठ और देवर के 2-2 बेटे हैं. मेरी सास हमेशा मुझे ताना देती रहती हैं इसलिए मैं चाहती हूं कि एक चांस और ले लूं. शायद बेटा हो जाए. जबकि मेरे पति इस के लिए रजामंद नहीं हैं. उन का कहना है कि बेटियों को ही अच्छी तरह से पढ़ालिखा कर योग्य बनाएंगे. मैं क्या करूं?
जवाब
इतने प्रगतिशील युग में जब लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं, आप ऐसी छोटी और दकियानूसी बातें कर रही हैं. स्वयं औरत हो कर ऐसी सोच रखती हैं, जबकि आप के पति की सोच प्रशंसनीय है. इसलिए आप को उन की सोच का समर्थन करना चाहिए और अपनी बच्चियों की अच्छी तरह परवरिश करनी चाहिए.
ये भी पढ़ें...
गर्भ के दौरान इन सेहतमंद आदतों को अपनाएं
गर्भावस्था के दौरान मां की सेहत का तुरंत और लंबे समय में बच्चे की सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है. गर्भकाल की डायबिटीज और एनीमिया, यानी कि मां में एनीमिया और डायबिटीज बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. मां में एनीमिया हो तो बच्चे का जन्म के समय 6.5 प्रतिशत मामलों में वजन कम होने और 11.5 प्रतिशत मामलों में समय से पहले प्रसव की समस्या हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की वजह से बच्चे को 4.9 प्रतिशत मामलों में एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में भरती होने और 32.3 प्रतिशत मामलों में सांस प्रणाली की समस्याएं होने का खतरा रहता है.
गर्भावस्था में इन समस्याओं की वजह से पैदा हुए बच्चों में मोटापे, दिल के विकार और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा उम्रभर रहता है.