पसीना निकलना शरीर की स्वाभाविक क्रिया है. पसीना आना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, पर पसीने में दुर्गंध अच्छा लक्षण नहीं है. कई लोगों के पसीने की दुर्गंध इतनी तेज होती है कि उनके पास बैठना मुश्किल हो जाता है. पसीने की दुर्गंध से आप खुद तो परेशान होती ही हैं, दूसरे भी दुखी रहते हैं. पसीने में बदबू के कई कारण हैं.
तनाव
तनाव में होने पर शरीर से कार्टिसोल नामक हार्मोन निकलता है. ज्यादा पसीना निकलने की वजह से वह बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, जिसकी वजह से पसीने से बदबू आती है.
सिंथेटिक कपड़े
सिंथेटिक कपड़े पसीना नहीं सोखते, बल्कि गरमी को बढ़ाते हैं, जिससे पसीना अधिक आता है. पॉलिएस्टर वाले कपड़े पहनने वाले लोगों को सूती कपड़े पहनने वाले लोगों की अपेक्षा अधिक पसीना आता है. इसलिए गरमी में पौलिएस्टर के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इन कपड़ों में पसीना सोखने की क्षमता नहीं होती है. अधिक पसीना आने पर कपड़े पर पसीना चिपका रहता है और वह अधिक दुर्गंध देता है.
शरीर में पानी की कमी
विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग पानी कम पीते हैं उनके पसीने से ज्यादा बदबू आती है.
इत्र का उपयोग
क्या आपको मालूम है कि जो इत्र आप खुशबू और पसीने की बदबू मिटाने के लिए लगाते हैं, उसकी वजह से भी पसीने से बदबू आती है. कुछ इत्र ऐसे होते हैं, जिनमें एंटी-बैक्टीरियल गुण नहीं होते, जिससे बैक्टीरिया अधिक बढ़ जाता है और वह पसीने की बदबू का कारण बनता है.
ज्यादा दवाइयां खाना
जो लोग दवाइयां ज्यादा खाते हैं, उनके पसीने से भी दुर्गंध आती है. दवाइयों में रासायनिक तत्त्व शामिल होते हैं. शरीर का पसीना और दवाइयों की दुर्गंध मिल कर बदबू में बदल जाती है.