Happy Hormones :  अच्छा महसूस करने के लिए अच्छा माहौल और संगत के साथसाथ हैप्पी हारमोंस यानी सैरोटोनिHappy Hormonesन, डोपामाइन, ऐंडोर्फिन और औक्सीटोसिन की भी आवश्यकता होती है. ये हारमोन अवसाद और चिंता को कम करते हुए खुशी और आनंद को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.

आखिर क्या कमी है मेरे पड़ोस में रहने वाली सुनीता को, सबकुछ तो है उस के पास.

2-2 मकान, बड़ीबड़ी गाडि़यां, ढेरों महंगे कपड़े, गहने आदि. मगर आजकल वह गहरे अवसाद से गुजर रही है. सबकुछ होते हुए भी खुश नहीं है. बातबात पर गुस्सा करना, चिड़चिड़ाना, किसी काम में मन न लगना उस के व्यवहार का हिस्सा बन गया है. जब भी उस से कुछ पूछो या कोई बात या हंसीमजाक करो तो कहती है अभी मेरा मूड औफ है. बाद में बात करना घर के लोग और दोस्त सम?ा नहीं पा रहे हैं कि आखिर सुनीता ऐसा क्यों कर रही है. शायद यह हैप्पी हारमोंस की कमी का संकेत है.

आजकल बिगड़ते लाइफस्टाइल और मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से मानसिक सेहत बिगड़ रही है जिस के कारण हैप्पी हारमोंस की कमी हो रही है. इस के चलते हमें तनाव और अवसाद हो रहा है. हैप्पी हारमोंस हमारी मैंटल हैल्थ को प्रोटैक्ट करते हैं.

अच्छे मूड के लिए अपने हैप्पी हारमोन को कुछ सरल गतिविधियां जैसे व्यायाम कर के, खाना बना कर या खा कर या संगीत सुन कर या अपनों संग बातचीत या गपशप या हंसीमजाक कर हैक कर सकते है, ये गतिविधियां आप के फीलगुड हारमोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.

क्या होते हैं हारमोन

हारमोन आप के शरीर में विभिन्न ग्लैंड्स द्वारा निर्मित कैमिकल होते हैं. ये ब्लड सर्कुलेशन से पूरे शरीर में ट्रैवल करते हैं या इन का संचार होता है और कई शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जोकि शरीर को स्वस्थ बनाए रखते है

क्या होते हैं हैप्पी हारमोन

शरीर में मौजूद हैप्पी हारमोंस खुश रहने में आप की मदद करते हैं. शरीर में समयसमय पर रिलीज होने वाले हारमोन ही किसी व्यक्ति को खुशी और गम का एहसास कराते हैं. जब किसी व्यक्ति के साथ कुछ अच्छा होता है तो यही हैप्पी हारमोंस ब्रेन या दिमाग को मैसेज देते हैं, जिस के बाद व्यक्ति को अंदर से खुशी मिलती है. जैसे भूख, प्यास, चोट, तनाव और गुस्से को हम महसूस तभी कर पाते हैं जब हारमोंस ब्रेन को मैसेज पास करता है ठीक उसी प्रकार हैप्पीनैस हारमोंस भी होते हैं जो कुछ अच्छा होने पर ब्रेन को मैसेज देते हैं और हमें अंदर से खुशी मिलती है.

कौनकौन से हैं हैप्पी हारमोन

डोपामाइन: इसे हैप्पी हारमोन के नाम से जाना जाता है. यह हारमोन आप को अच्छा महसूस कराता है. इस का उत्पादन शरीर में तब बढ़ता है जब हम कुछ सुखद अनुभव करते हैं.

सैरोटोनिन: इसे ‘फीलगुड हारमोन के नाम से जानते हैं. सैरोटोनिन चिंता और अवसाद को दूर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वहीं व्यायाम, बाहर समय बिताने और रात को अच्छी नींद लेने से सैरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है.

ऐंडोर्फिन: आमतौर पर यह व्यायाम/ ऐक्सरसाइज से जुड़ा होता है. हार्ट ऐक्सरसाइज जैसे भागनादौड़ना, सीढि़यां चढ़नाउतरना, तेजतेज चलना, साइक्लिंग करना आदि ऐंडोर्फिन बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है. यह शक्तिशाली हारमोन प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने में मदद करता है.

औक्सीटोसिन: इसे लव हारमोन के नाम से जाना जाता है. यह बौंडिंग और अटैचमैंट में अपनी भूमिका दिखता है. चाइल्ड बर्थ और नर्सिंग के दौरान यह महिलाओं के शरीर में काफी तेजी से बढ़ता है. यह हारमोन किसी के स्पर्श से भी बढ़ता है जिस में हाथ पकड़ना, पालतू जानवर के साथ खेलना, परिवार के करीब होना और उन्हें गले लगा कर प्यार जताना, किस करना, मालिश और सैक्स आदि शामिल है.

अपने लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव कर के आप इन हारमोंस के उत्पादन को बढ़ा सकती हैं.

ऐक्सरसाइज करने के लिए समय निकालें

नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करने से कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. ऐक्सरसाइज आप के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है जैसे रनिंग, वाकिंग, योग आदि. ऐक्सरसाइज ऐंडोर्फिन हैप्पी हारमोन को रिलीज करने में मदद करती है.

ऐक्सरसाइज केवल ऐंडोर्फिन को ही नहीं बढ़ाती बल्कि यह डोपामाइन और सैरोटोनिन के स्तर को भी तेजी से बूस्ट होने में मदद करती है. इसी के साथ यदि आप किसी प्रकार के दर्द से पीडि़त हैं या ऐक्सरसाइज करते हुए आप को दर्द महसूस हो रहा है, तो ब्रेन ऐंडोर्फिन के साथ इंटरैक्ट करता है और आप के दर्द के एहसास को कम कर सकता है.

मैडिटेशन करना है जरूरी

यह स्ट्रैस कम करने के साथसाथ नींद की गुणवत्ता को भी बढ़ा देता है. जब हम तनाव से घिरे रहते हैं तो शरीर में डोपामाइन और सैरोटोनिन का प्रोडक्शन काफी कम हो जाता है जो आप के शारीरिक स्वास्थ्य और मूड को बुरी तरह प्रभावित करता है. मैडिटेशन करते वक्त डोपामाइन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है. ऐसे में मैडिटेशन का अभ्यास स्ट्रैस रिलीज करते हुए हैप्पी हारमोंस को बढ़ाने में मदद करेगा.

रहें उन के पास जिन से करते हैं प्यार

प्यार से बात करना या फिर छूना भी शरीर में हैप्पी हारमोन बढ़ाता है. इसलिए इसे बढ़ाने के लिए आप उन लोगों के पास रहें जो आप को प्यार करते हैं. इस के अलावा उन लोगों के साथ या पास रहें जिन से आप दिल खोल कर बात कर सकें, अपनी हर बात शेयर कर सकें.

6 से 7 घंटे की नींद लें

6-7 घंटे की नींद आप के स्ट्रैस को कम करने के साथसाथ आप को बेहतर महसूस करवाने में भी मदद कर सकती है. यह आप के ब्रेन को शांत और हैल्दी रखने के साथसाथ मानसिक बीमारियों से बचाने और आप को बेहतर महसूस कराने में भी मदद कर सकती है.

कौमेडी मूवी या वीडियो देखें

कौमेडी मूवी या फिर वीडियो देखें. इस से आप को मन खुश रहेगा और आप बेहतर महसूस करेंगे. दरअसल, खुश रहना आप को अंदर से बेहतर महसूस कराता है और फील गुड हारमोन को बढ़ावा देता है. इस से स्ट्रैस हारमोन में कमी आती है और मूड स्विंग्स और डिप्रैशन जैसी समस्याओं में कमी आने लगती है. इस के अलावा आप खुश रहने के लिए म्यूजिक सुनें और क्रिएटिव कामों में मन लगाएं.

डाइट में शामिल करें ये चीजें

पंपकिन और सनफ्लौवर सीड्स, बादाम, अखरोट, मूंगफली जैसे नट्स और सीड्स में ट्रिप्टोफेन नामक ऐमिनो ऐसिड होता है जिस से सैरोटोटिन का उत्पादन होता है, साथ ही मैगनीशियम भी सैरोटोटिन बढ़ाता है. इस के लिए पालक का सेवन भी किया जा सकता है.

चौकलेट खाएं

डार्क चौकलेट शरीर में डोपामाइन बढ़ाने में मदद करती है. यह असल में फील गुड हारमोन है जो आप को बेहतर महसूस कराने में मदद करता है. इस के अलावा यह शरीर में स्ट्रैस हारमोन यानी कोर्टिसोल को कम करता है और हैप्पी हारमोन को बढ़ाने में मदद करती है.

खाने में विटामिन डी बढ़ाएं

हैप्पी हारमोन को बढ़ाने के लिए आप को विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए जैसे मशरूम या मछली खा सकते हैं. इन के अलावा ड्राई फूट्स में भी विटामिन डी होते हैं जोकि हैप्पी हारमोंस को बढ़ावा देते हैं. ये अवसाद की भावना को कम करते हैं, मूड स्विंग्स में कमी लाते हैं और शरीर में हैप्पी हारमोन का संचार करते हैं. यदि आप के शरीर में विटामिन डी की कमी है तो डाक्टर की सलाह पर इस कमी को पूरा करने के लिए सप्लिमैंट्स भी ले सकते हैं.

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