सोशल मीडिया अब सिर्फ युवाओं ही नहीं हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. अब युवा इसे अपने करियर के रूप में अपनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर रातों रात राजा से रंक बनने और एक वीडियो वायरल होने से सेलिब्रिटी बनने की अनगिनत कहानियां युवाओं को और भी ज्यादा अपनी ओर खींच रही हैं.
“आज मुझे एक बहुत अच्छा काम मिला है और इसमें किसी भी क्वालिफिकेशन की जरूरत नहीं”, चहकते हुए राहुल ने अपने दोस्त को बताया तो उसने पूछा,”आखिर मुझे भी तो पता लगे ऐसा क्या काम है?”
इस पर राहुल ने कहा,” मुझे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बनना है और मुझे एक वेब साइट के लिए, एक दिन में 1000 फॉलाेअर्स बनाने पर 50 रुपये, 100 लाइक्स के लिए 5 रुपये और 5 रुपये में 1000 व्यूज तक बढ़ाने होंगे.”,..ये सुनते ही राहुल का दोस्त सिर पकड़ कर बैठ गया.
दरअसल सोशल मीडिया के इस दौर में जेन-जेड के अपने सपने और लक्ष्य हैं. दुनिया को देखने का नजरिया अब वे अनुभव की जगह रील्स, वीडियो और वायरल वीडियो से तय करने लगे हैं. वे अपने आपको नेटिजन बोलना पसंद करते हैं. हर दिन घंटों सोशल मीडिया पर बिताने वाले कुछ युवा अब इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की राह भी पकड़ रहे हैं. लाइक, कमेंट, शेयर और सब्सक्राइब उनकी सफलता के नए पैमाने हैं. लेकिन दूर से आसान दिखने वाला यह सफर, असल में कई कठिनाइयों और परेशानियों से भरा है. खासतौर पर ट्रोलर्स के ताने और नेगेटिव कमेंट्स युवाओं को परेशान कर सकते हैं. कैसे करें इन परेशानियों का सामना, इस आर्टिकल में जानते हैं.
जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन जिंदगी नहीं
सोशल मीडिया अब सिर्फ युवाओं ही नहीं हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. अब युवा इसे अपने करियर के रूप में अपनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर रातों रात राजा से रंक बनने और एक वीडियो वायरल होने से सेलिब्रिटी बनने की अनगिनत कहानियां युवाओं को और भी ज्यादा अपनी ओर खींच रही हैं. हालांकि सफलता की इन कहानियों को बुनने और बुलंदी की ऊंचाइयों तक पहुंचने से पहले कई युवाओं को ट्रोलिंग का शिकार भी होना पड़ता है. सपनों का महल खड़ा करने वालों पर ये किसी बड़े प्रहार सा होता है और कई बार इसके कारण युवा डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार हो जाते हैं. लेकिन युवाओं को ये समझना होगा कि कोई भी सफर आसान नहीं होता. सोशल मीडिया आपकी जिंदगी का हिस्सा हो सकती है, लेकिन जिंदगी नहीं.
क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़े बताते हैं कि लगभग 22 से 25% ऐसे लोग हैं जो सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बनने के चक्कर में उन प्रोडक्ट्स को खरीद लेते हैं जिनकी जरूरत भी नहीं है. और वह प्रोडक्ट खराब भी निकालते हैं.
अच्छाई-बुराई दोनों है इसका हिस्सा
अगर आप सोशल मीडिया पर एक इन्फ्लुएंसर के रूप में करियर बनाने की सोच रहे हैं तो यह बात आपको गांठ बांध लेनी चाहिए कि कुछ लोग आपकी तारीफ करेंगे तो कुछ बुराई भी करेंगे. ये दोनों ही आपके काम का हिस्सा है. सोशल मीडिया एक सार्वजनिक मंच है और यहां कोई भी अपनी राय रख सकता है. कोशिश करें कि आप इससे प्रभावित न हों. आप अच्छाइयों को अपनाएं और कमियों को दूर करते हुए आगे बढ़ें. इससे आपका काम बेहतर बनेगा.
सिक्के के दूसरे पहलू को देखें
अधिकांश युवा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की सक्सेस स्टोरी, शॉपिंग, लाइफस्टाइल, बैंक बैलेंस, ट्रैवलिंग देखकर इंप्रेस होते हैं. और वैसी ही जिंदगी जीने की चाहत में सोशल मीडिया की राह पकड़ते हैं. लेकिन आप सिक्के का दूसरा पहलू भी देखें. इस सफलता के पीछे इन इन्फ्लुएंसर्स की सालों की मेहनत, संघर्ष और सीख है. लगातार कोशिश करने से आपको भी जरूर सफलता मिलेगी.
दूसरे विकल्प हमेशा खुले रखें
माना कि आप सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, लेकिन यह कोशिश सफल ही हो, इसकी कोई गारंटी नहीं हो सकती. इसलिए आप अपनी शिक्षा और नॉलेज पर पूरा ध्यान दें. इन दोनों के दम पर आप किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं. हमेशा कुछ नया सीखने पर फोकस करें.