लेखक- तोषी व्यास

पीठ, हमारे शरीर का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा.  मगर परेशानी तब शुरू होती है जब इसी हिस्से के दर्द को शुरुवात में हल्के में लिया जाता है. रही सही कसर टीवी पर आने वाले  तरह-तरह के मरहम के विज्ञापन पूरी कर देते हैं.  कमर दर्द या पीठ का दर्द कई वजहों से हो सकता है जैसे रीढ़ की हड्डियों की कमजोरी या वहां पनप रही कोई समस्या, मांसपेशियों का मजबूत ना होना, किसी प्रकार की कोई नई अथवा पुरानी चोट आदि.

वजह छोटी हो या बड़ी जरूरी यह है कि बिना देर किए समय पर चिकित्सा सलाह लें.

कुछ छोटी-छोटी बातों को अगर ध्यान में रखेंगे तो कमर या पीठ की तकलीफ से बचा जा सकता है.

 पोश्चर – 

पोश्चर यानी आपके उठने, बैठने, सोने का सही तरीका.

अक्सर देखने में आता है जब भी हम किसी को सीधे बैठने के लिए कहते हैं  तो वो तन के बैठ जाते हैं और 5 से 10 मिनट बाद ही थक कर झुक जाते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी मांसपेशियां तनी हुई होने के कारण ज्यादा काम कर रही होती हैं और जल्दी ही थक जाती हैं.  सीधे बैठने का अर्थ है सीधी पर आरामदायक अवस्था में पीठ का होना.

पिछले 1 साल में कमर दर्द के मरीजों में इजाफा हुआ है. कई लोग वर्क फ्रम होम होने के बाद से कमर दर्द से परेशान थे .

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पोश्चर का सही ना होना है. आप जब भी लंबे समय के लिए बैठे ध्यान  रखें कि आपकी कुर्सी आरामदायक हो. एर्गोनॉमिकली डिजाइन की गई कुर्सी आसानी से बाजार में उपलब्ध है, और अगर वह नहीं है तो बैठते वक्त एक तकिया आपकी कमर के पीछे लगाएं, ध्यान रखें कि तकिया ना तो बहुत कठोर हो ना ही मुलायम.  इसके अलावा एक टॉवल को रोल कर के अपनी गर्दन के पीछे रखें .

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पैरों को नीचे लटकाने की बजाय उन्हें किसी स्टूल या पटे पर रखें.  दोनों पैरों के बीच में कंधे जितनी  दूरी रखें.

 लिफ्टिंग पोश्चर –

जब भी आपको कोई सामान नीचे से उठाना हो चाहे छोटा सा हो या बड़ा, आप कभी भी कमर को ना झुकाएं.  झुकना कमर के लिए घातक हो सकता है, इसके बजाय दोनों घुटनों को मोड़कर  बैठते हुए फिर उठाएं.  यदि कोई सामान नीचे से उठाना है और घुटनों में तकलीफ है तो कोई छोटे बाथरूम स्टूल वगैरह का इस्तेमाल कर सकते हैं, उस पर बैठे और फिर उठाएं. झुक कर कभी भी कोई भी चीज ज़मीन से ना उठाएं.

फ्रिज के निचले हिस्से से बार बार कुछ निकालना हो तो भी छोटे स्टूल का इस्तेमाल करें.

एक्सरसाइज-

एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज़ चलना, तैराकी, साइकिल चलाना आदि और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने वाली यानी मसल्स स्ट्रैंथनिंग एक्सरसाइज,  दोनों ही प्रकार के व्यायाम आपकी पीठ के लिए जरूरी हैं. आप मसल स्ट्रैंथनिंग में केवल पीठ के व्यायाम ना करते हुए पीठ और पेट दोनों के  लिए व्यायाम करिए.  लचीलापन बना रहे इसलिए स्ट्रेचिंग ज़रूर करें.  ब्रीदिंग एक्सरसाइज को भी अपने रूटीन में  शामिल करें. एक्सरसाइज शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

 डायट- 

हाई प्रोटीन डाइट और हाई कैलशियम डायट का उपयोग करें . दही, मट्ठा, छाछ या अन्य डेयरी पदार्थ और प्रोटीन से भरपूर जैसे साबुत अनाज, अंडे आदि जरूर अपनी डाइट में शामिल करें.

स्लीपिंग पोश्चर –

6 से 8 घंटे की भरपूर नींद लें और ध्यान रखें सोते वक्त आपका गद्दा आरामदायक हो  और आपकी कमर को अच्छी तरह से सपोर्ट करता हों.  गद्दा ना बहुत मुलायम रखें ना ही बहुत कड़क.  जितना गद्दा फर्म होगा उतना ही आपकी कमर के लिए अच्छा है.

रूटीन मेडिकल चेकअप –

समय-समय पर अपना मेडिकल चेकअप ज़रूर  करवाते रहें और खासकर आपका सीरम कैल्शियम और विटामिन डी का टेस्ट समय समय पर जरूर करवाते रहें ताकि समय रहते आप किसी भी कमी को पूरा कर सकें.

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नशे से दूरी बनाएं-

किसी भी तरह के नशे से दूर रहें. अल्कोहल या शराब, सिगरेट, तंबाकू आदि के नशे से जितना हो सके दूर रहें.

ध्यान रखें कि आपका शरीर एक ही अवस्था में लंबे समय तक ना रहे. यदि बैठ कर लंबे समय काम करते हैं तो छोटे छोटे ब्रेक लें जैसे हर 40 से 50 मिनिट पर अपनी कुर्सी से उठें, स्ट्रेचिंग करें, पानी पिएं और फिर काम शुरू करें.

ऊपर दी गई बातों को ध्यान में रखने के बाद भी यदि कमर दर्द होता है तो बिना देर किए विशेषज्ञ  की सलाह लें.

  डॉ. तोषी व्यास

  सीनियर फ़िज़ियोथैरेपिस्ट

  भोपाल

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