सनी बहुत ही जिद्दी और तोड़फोड़ करने वाला 4 साल का बच्चा है. उस ने हर नए खिलौने को 2 दिनों में ही तोड़ दिया है. बैंक में काम करने वाली उस की मां सुनिता बेटे को ले कर बहुत परेशान रहती है, क्योंकि नर्सरी क्लास में हमेशा वह किसी को मारतापीटता है. एक बार तो उस ने अपने बैग में कैंची ले जा कर एक लड़की की चोटी ही काट डाली. इस पर बहुत हंगामा हुआ, लेकिन सुनीता करे तो क्या करे.
सनी खुद भी इतना उछलकूद करता है कि एक बार गिर कर उस की भौहें तक कट गईं, जिस में 4 टांके लगे. हर दिन की इस समस्या से वह परेशान हो चुकी थी। हर दिन किसी न किसी की शिकायत उसे सुननी पड़ती थी. बेटे को समझाने पर वह सिर तो हिला देता था, लेकिन अपने मन का ही करता था.
ऐसा वह 2 साल की उम्र से ही कर रहा है, सुनीता को लगा कि थोड़ा बड़ा होने पर वह शायद ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. जितना बड़ा हो रहा है, उतना ही वह शरारती और ऐग्रेसिव हो रहा है.
वर्किंग लेडी होने की वजह से उन्होंने अपनी मां को भी बुलाया ताकि बच्चे की देखभाल हो सके, लेकिन मां के लिए भी उसे संभालना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि वह उन की बात सुनता नहीं और कुछ कहने पर जिद करने लग जाता.
सुमन बच्चे के लिए केयर गिवर भी रखना नहीं चाहती. वह डरती है कि कहीं वह बच्चे से परेशान हो कर उसे मारेपीटे नहीं. परेशान सुनीता सहेली के कहने पर पेडियाट्रिशन के पास गई. डाक्टर ने इसे ऐटैंशन डैफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऔर्डर बताया और मनोचिकित्सक की सहायता लेने की सलाह दी.