टीवी एक्ट्रैस जैस्मीन भसीन की आंखों की कौर्निया लैंस लगाने की वजह से बुरी तरह डैमेज हो गई, कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी फोटो पोस्ट की जिसमें उन की दोनों आंखों में पट्टी बंधी थी. हाल ही में एक वीडियो जारी कर उन्होंने बताया कि अब वह रिकवर कर रही हैं. लेकिन क्या जैस्मीन के केस के आप डर गई हैं ? क्या आप यह सोच रही हैं कि जैस्मीन के केस के बाद कौस्ट्यूम कौंटैक्ट लैंसेज का इस्तेमाल से बचना चाहिए. तो ऐसा नहीं? आप फैशनेबल हैं, स्टाइलिस्ट हैं और ट्रैंड को फौलो करने में यकीन रखती हैं, तो आंखों को और खूबसूरत बनाने के लिए लैंसेज लगाने में कोई हर्ज नहीं पर कुछ सावधानियां जरूरी है. एकएक कर इन कारणों को समझें –
इस में दो राय नहीं है कि कौस्मेटिक कौंटैक्ट लैंसेज की वजह से आंखों को बोल्ड स्टैटमेंट और आपकी पर्सनैलिटी को ड्रामैटिक लुक मिलता है. यह केवल आंखों के रंग को ही नहीं बदलता बल्कि फेस की ब्यूटी को बढ़ाता है. बस यह याद रखें कि डौक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही खरीदें, इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना जानें और इसे अच्छी तरह रखने के तरीके को सीखें .आंखों का डौक्टर यानी औप्थैलमोलौजिस्ट न केवल सही फिटिंग के लैंसेज लगाने का सजेशन देगा बल्कि यह बताएगा कि कलर्ड कौंटैक्ट लैंसेज कितने कंफर्टेबल होने चाहिए, लुक के हिसाब से किस तरह के होने चाहिए और इस को आंखों के लिए किस तरह से सुरक्षित रखा जाना चाहिए.
किन आंखों के लिए कैसे कौस्ट्यूम लैंसेज
आप लैंस लगाना चाहती हैं लेकिन अपने लुक को ज्यादा ड्रामेटिक बनाने की बजाय नैचुरल रखना चाहती हैं आपका कौम्पलेक्शन फेयर है, तो ग्रे या ग्रीन या फिर ब्लू का लाइट टिंट वाला लैंस चूज करें. अगर चाहती है कि आपकी पर्सनैलिटी को महफिल में खड़े लोग तुरंत नोटिस करें, तो लाइट ब्राउन कलर परफैक्ट है. अगर आंखों का रंग गहरा है, तो हनी ब्राउन बैस्ट रहेगा. कई
लड़कियां वायलैट आई लैंसेज की भी दीवानी है. इंडियन स्किन टोन के ब्राउन कलर सबसे परफैक्ट माने जा सकते हैं. कस्टमाइज्ड लैंसेज आमतौर पर सेमी ट्रांसलूसैंट होते हैं, यह आप के नैचुरल लुक को बनाए रखता है. ऐसा देखा गया है कि कस्टम टिंटैड कौंटैक्ट्स केवल कौस्मेटिक कारणों से नहीं पहने जाते हैं, प्रोफैशनल प्लेयर्स अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए कलर टिंट्स लैंस यूज करते हैं, इसे आसानी से इस तरह समझा जा सकता है हरे टिंट का लैंस एक टैनिस प्लेयर को कोर्ट पर गेंद को अधिक क्लियर देखने में मदद करता है .
कहां सावधानी बरतनी है जरूरी
आई स्पैशलिस्ट से आंखों को चेक कराने के बाद ही लेंस खरीदें. आप लेंस खरीद रही हैं आई शैडो नहीं. लैंस आपकी आंखों के सैंसेटिव हिस्से के संपर्क में रहता है इसलिए लापरवाही बरतने पर सीरियस प्रौब्लम हो सकती है, यहां तक कि आंखों की रौशनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है. दूसरे कई देशों में तो गैर लाइसेंसी वैंडर्स, ब्यूटी पार्लर, जनरल स्टोर्स में इसे बेचे जाने पर रोक लगा रखा है. इसे ब्यूटी प्रोडक्ट समझकर ओवर-द-काउंटर सजावटी कॉन्टैक्ट लेंस खरीदने की भूल नहीं करें. स्टडीज में यह भी पाया गया है कि ओवर-द-काउंटर टिंटेड कॉन्टैक्ट लेंस को कलर करने के लिए जिन कैमिकल्स में क्लोरीन और कुछ हार्मफुल चीजों का यूज किया जाता है. ये कैमिकल्स हमेशा के लिए आपके आंखों की रौशनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
बात आंखों की है इसलिए डौक्टर जरूरी है
अमेरिकन अकेडमी औफ औप्थैलमोजी के अनुसार, कौस्ट्यूम कौन्टैक्ट लैंसेज के कुछ रिस्क भी होते हैंओवर द काउंटर खरीदे गए कौन्टैक्ट लैंसेज कई बार आंखों पर फिट नहीं होते हैं, इससे आंखों की लेयर घिस सकती है, उस में खरोंच लग सकती है, यह कौर्निया को स्क्रैच कर सकता है. इस वजह से ऐसा महसूस होता है कि आंखों में कुछ गिर गया है. स्क्रैच के कारण आंखों में दर्द होता है, ये लाल हो जाती हैं. आंखों से डिस्चार्ज भी हो सकता है. कई बार यह भी पाया गया है कि कौर्निया घिसने की वजह से कौर्नियल अल्सर तक हो जाता है. वैसे तो आईड्रौप से अल्सर ठीक हो जाता है लेकिन ठीक होने के बाद इसका निशान बना रह जाता है. आंखों के डौक्टर यानी औप्थैलमोलौजिस्ट से सलाह लेना इसलिए भी जरूरी है कि कुछ कैसेज में कौर्निया बहुत ज्यादा डैमेज्ड हो जाता है तो आंखों की रौशनी को ठीक करने के लिए कॉर्नियल ट्रांस्प्लांट करने की जरूरत पड़ जाती है. कई बार औप्थैलमोलौजिस्ट के परामर्श के बिना कौन्टैक्ट लेंस लेने की वजह से आंखों की प्रौब्लम इतनी बढ़ जाती है कि मोतियाबिंद या ग्लूकोमा जैसी डिसीस होने के चांसेज होते हैं.
कलर्ड कौंटैक्ट लैंसेज लगाने से पर्सनैलिटी को न्यू लुक मिलता है. यह रूटीन स्टाइलिंग में चेंज लाता है. वैडिंग फंक्शन्स, पार्टीज, फेस्टिवल्स जैसे मौकों पर आपकी खूबसूरती को निखारता है. कलर कौंटैक्ट लैंसेज पावर के साथ भी आते हैं और बिना पावर वाले भी. यह पूरी तरह से आपकी जरूरत पर निर्भर करता है कि आप आंखों की रौशनी को ठीक करने के लिए कौंटैक्ट लैंस लेना चाहते हैं या ब्यूटी एक्सैसरीज के रूप में इस्तेमाल करने के लिए.
कलर कौन्टैक्ट लगाने के पहले यह जान लें
अपने लैंसेज को फ्रेंड्स के साथ शेयर नहीं करें, यह आपकी ड्रैस की तरह नहीं है जो शरीर के उपर पहनी जाती है, यह आंखों की स्किन को डायरैक्ट टच करती है . यह जरूरी नहीं कि आपका लैंस आपकी सहेली को भी फिट हो जाए. इतना ही शेयरिंग से बैक्टीरियल इंफैक्शन का खतरा भी बना रहता है . पावर वाले कौंटैक्ट लैंसेज की तरह कलर्ड कौंटैक्ट लैंसेज की भी देखभाल जरूरी है, इसे ब्यूटी एक्सैसरीज समझ कर इसके केयर को नजरअंदाज न करें. इसे अच्छी तरह साफ करना, डिस-इंफैक्ट करना और सही तरीके से स्टोर करना जरूरी है. अपने डौक्टर के कहे अनुसार इसे कब बदलना चाहिए, इस बात का भी ख्याल रखें. आंखों में किसी तरह का इंफैक्शन हो, तो इसका यूज मत करें. अगर पहनने के बाद तकलीफ हो रही है, तो बिना देर किए डौक्टर से मिलें.
कलर्ड लैंसेज से पर्सनैलिटी को ड्रैमेटिक लुक देने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन सावधानियां जरूरी है. इसमें थोड़ी भी जैस्मीन की तरह आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकती है.