आंखें शरीर का सब से नाजुक हिस्सा होती हैं. इन की सेहत हमारे लाइफस्टाइल और हैल्थ से प्रभावित होती है. बहुत सारी बीमारियां जैसेकि क्रोनिक किडनी डिजीज, हाइपरटैंशन, डायबिटीज का संबंध हमारी आंखों की रोशनी से होता है.
किडनी की बीमारियां और आंखें
किडनी फेल्योर की वजह से आंखों की रोशनी धुंधली हो सकती है. ऐसा होने पर आंखों के डाक्टर को दिखा कर दवा लेनी चाहिए और चश्मा लगाने के बारे में पूछना चाहिए.
अगर किडनी की बीमारी का इलाज न कराया जाए तो इस की वजह से आंखों की रोशनी पूरी तरह से भी जा सकती है. हालांकि ऐसा किडनी की बीमारी की लास्ट स्टेज में होता है. इसलिए इस तरह की स्थिति आने ही न दी जाए.
किडनी की बीमारियों के लक्षण
किडनी की समस्या यकायक नहीं होती है. यह लंबे समय से गलत लाइफस्टाइल का नतीजा होती है. किडनी की समस्या से बचाव का बेहतर तरीका यह है कि इस के लक्षणों पर नजर रख सही समय पर इलाज कराया जाए. किडनी की बीमारियों के कुछ आम लक्षण निम्न हैं :
थकान: अगर आप को अकसर थकान महसूस होती है, यहां तक कि अच्छा खानपान होने के बावजूद, तो आप को किडनी की समस्या का खतरा हो सकता है. अगर किडनी सही ढंग से काम नहीं करती है, तो खून में अनगिनत टौक्सिंस अपना घर बना लेते हैं, जिन की वजह से आप को हर समय थकान महसूस होती है.
नींद में परेशानी: शरीर में टौक्सिंस की मौजूदगी किडनी की फिल्टर करने की क्षमता पर बुरा असर डालती है. इस वजह से पेशाब के जरीए शरीर से बाहर निकलने वाले टौक्सिंस शरीर में ही रह जाते हैं और नींद से जुड़ी समस्याएं पैदा करते हैं.
पेशाब में समस्या: किडनी की समस्या का सब से आम लक्षण है थोड़ीथोड़ी देर बाद पेशाब आना. अगर आप को दिन में कई बार पेशाब जाना पड़े तो यह आप के लिए डाक्टर से सलाह लेने का सही समय है. किडनियां इंसान के शरीर की पेशाब की प्रक्रिया को रैगुलेट करती हैं. अगर इन में कोई समस्या होती है, तो पेशाब करने की आदत में भी बदलाव आ जाता है.
पेशाब के टैक्स्चर, रंग, गंध आदि में बदलाव यकीनन किडनी की किसी समस्या से जुड़े हो सकते हैं. अगर आप को पेशाब करते समय बहुत बुलबुले दिखाई दें, तो तुरंत डाक्टर के पास जाएं.
पैरों में सूजन: अगर कोई किडनी सही ढंग से काम नहीं करती है, तो शरीर में सोडियम का जमाव हो जाता है. ऐसे में पैरों, टखनों में सूजन हो सकती है. ऐसे ही अगर आप के जूतेचप्पल पैरों में टाइट होने लगें, तो समझ जाएं कि किडनी की कोई समस्या हो सकती है.
आंखों और त्वचा में खुजली: शरीर में खनिजों की सही मात्रा बनाए रखने का काम भी हमारी किडनियां ही करती हैं. किडनी में कोई समस्या होने पर इस प्रक्रिया पर भी गलत असर होता है, जिस वजह से आंखों सहित पूरे शरीर में खुजली होती है.
आंखें लाल होना: आंखों के लाल होने की आम वजहें हैं- ऐलर्जी और संक्रमण, लेकिन किडनी में कोई समस्या होने पर भी आंखें लाल और उन में हर समय हलका सा दर्द महसूस हो सकता है.
आंखों का रूखापन: यह एक क्रोनिक सिंड्रोम है, जो समय के साथ ज्यादा मजबूती से उभरता है. आप आंखों को जितना अधिक रगड़ेंगी, वे उतनी ही रूखी होंगी. रूखी आंखें सही ढंग से काम नहीं करती हैं और ठीक से दिखाई नहीं देता है. किडनी की समस्या के चलते आंखों में बहुत अधिक कैल्सियम और फास्फेट जमा होने लगता है. ऐसे में आंखें बहुत अधिक रूखी हो जाती हैं जिस का इन की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है.
आंखों में घाव: आंखों में घाव एक दर्द वाला सिंड्रोम होता है. इस के कई कारण हो सकते हैं, जिन में से एक किडनी की बीमारी भी है. अगर आप को बारबार आंखों में घाव हो जाता है, तो डाक्टर से जरूर मिलें. घाव की वजह से आंखें लाल हो सकती हैं और उन में खुजली भी महसूस हो सकती है. इस की वजह से आंख के कोर्निया, कंजंक्टिवा और स्लेयर यानी सफेद हिस्से को भी नुकसान हो सकता है.
रैटिनोपैथी: यह भी आंखों की एक बीमारी है, जो किडनी की समस्या के चलते हो सकती है. इस बीमारी का पहला लक्षण है आंखों की रोशनी कम होना.
इन सभी लक्षणों पर नजर रखें ताकि किडनी और आंखों की किसी भी समस्या को पहचान उस का सही समय पर इलाज करा सकें. याद रखें हैल्दी लाइफ इज हैप्पी लाइफ.
-डा. पीएन गुप्ता
चीफ नैफ्रोलौजी, पारस हौस्पिटल, गुरुग्राम