एक मातापिता होने के नाते अपने बच्चे की बेहतरी और अच्छे स्वास्थ्य की चिंता करना स्वाभाविक है. हर माँबाप अपने बच्चे को भरपूर पोषण और अच्छे से अच्छा आहार देने का प्रयास करते हैं. मगर क्या खाना है और क्या नहीं इस को ले कर बच्चों के अपने नखरे होते हैं. उन्हें सीमित विकल्पों में से स्वादिष्ट और संतुलित आहार देने की कोसिस में अक्सर हम तरहतरह के मिथक के शिकार हो जाते हैं.

शेमफोर्ड एंड शेमरौक ग्रुप औफ स्कूल्स की संस्थापक निदेशक मीनल अरोरा ऐसे 5 आहार सम्बन्धी मिथक बता रही हैं जो आप के बच्चे के स्वास्थ्य में कई तरह से बाधा डाल सकते हैं:

1. बच्चे जानते हैं कि उन्हें क्या हैं खाना

बच्चों की पसंद स्वाद तक सीमित होती है. वे किसी विशेष व्यंजन या खाने की तरफ नहीं भागते. उन्हें जिस चीज़ का स्वाद भायेगा वही खाएंगे. समय के साथ उन में भोजन से जुड़ी स्वस्थ आदतों को विकसित करना संभव है.

बच्चे अपने माता-पिता की नकल करते हैं. इसलिए आप को एक परिवार के रूप में एक साथ भोजन कर के उन के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए. आप उन्हें कई तरह के स्वस्थ विकल्प दे सकते हैं. उन्हें उन फलों और सब्जियों का महत्त्व बता सकते हैं. बहुत ज्यादा बाहर का खाना न खाएं. घर में ही स्वादिष्ट चीज़ें पका लें. उन्हें कुछ खाने के लिए जबरदस्ती न करें. धीरेधीरे नए स्वादों से परिचित कराएं. स्वस्थ आहार आदतों को अपनाने के लिए कभीकभी उन्हें उन के पसंदीदा भोजन का स्वाद भी चखाइए.

ये भी पढ़ें- डायबिटीज में रहें इन 6 सब्जियों से दूर

2. बार-बार खाने से आप का बच्चा होगा स्वस्थ

यह एक गलत धारणा है कि अगर बच्चे जल्दीजल्दी खाते हैं तो यह उन की वृद्धि और विकास को तेज करेगा. नियत दिनचर्या और समय पर खाने की आदत, भूख लगने पर भोजन करना, स्वस्थ संतुलित आहार लेना किसी भी बच्चे की स्वस्थ वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. बारबार खाना बच्चे में मोटापा, डाइबिटीज जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है.

  1. बच्चे के आहार में फलों का रस करें शामिल

फलों का रस आप के बच्चे के आहार में शामिल करना अच्छा है. लेकिन यह किसी भी फल के मुकाबले बेहतर नहीं है. फाइबर हमारे शरीर के लिए किसी अन्य पोषक तत्व और विटामिन जितना ही महत्वपूर्ण है. जब आप अपने बच्चे को फलों का रस देते हैं तो उस की फाइबर वैल्यू शून्य हो जाती है जो कि अस्वास्थ्यकर है. उन में फल खाने की आदत को बढ़ाएं और कभी-कभी ही फलों का रस दें. डब्बाबंद जूस तो कभी भी न दें.

ये भी पढ़ें- बीमारियों से बचने के लिए दिल का ख्याल रखना है जरूरी

  1. उन की जानकारी के बिना उन्हें न खिलाएं हैल्दी चीजें

अभिभावक होने के नाते आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता करते हैं और इस प्रयास में आप बिना बताये चुप के से उस के भोजन में सब्जियों और अन्य हैल्दी चीज़ें डाल रहे हैं. लेकिन क्या आप उसे इस जानकारी से वंचित नहीं कर रहे हैं कि सब्जियां उस के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण और फायदेमंद हैं? क्या यह वास्तव में सही दृष्टिकोण है? बेहतर होगा कि आप उन्हें स्वस्थ खाने महत्व को समझायें और तब उसे खिलाएं.

  1. मीठे व्यंजन बच्चों में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में करते हैं मदद

वास्तव में बहुत अधिक चीनी का सेवन आप के बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है. यह उन में ‘चीनी की लत’ पैदा कर सकता है जो उन्हें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. यह लत चिड़चिड़ापन, मनोदशा में बदलाव, उन में गतिविधि के स्तर में बदलाव आदि की वजह बन सकती है. इसलिए आप को उन के चीनी सेवन स्तर की निगरानी करनी चाहिए. इस का मतलब यह नहीं है कि चीनी पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाए लेकिन इसे नियंत्रित रखा जाए.

ये भी पढ़ें- मेनोपौज की मिथ से लड़े कुछ ऐसे

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...