थायरायड एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो आप की गर्दन के सामने त्वचा के नीचे स्थित होती है. यह आप के अंतःस्रावी तंत्र का एक हिस्सा है और थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायोनिन (T3) जैसे थायरायड हार्मोन का उत्पादन और रिलीज करके आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित
करता है .इस के द्वारा शरीर के मेटाबौलिज्म (शरीर में एनर्जी के उपयोग और उत्पादन की प्रक्रिया) को नियंत्रित किया जाता है. अगर थायराइड ग्लैंड सामान्य से अधिक या कम हार्मोन बनाने लगती है तो यह थायराइड से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है. थायराइड से जुड़ी बीमारियों में सबसे आम हैं हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरौइडिज़्म. इन बीमारियों की शुरुआत में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें जानना जरूरी है ताकि समय पर इलाज हो सके.
आइए जानते हैं थायराइड के लक्षणों के बारे में मैरिंगो एशिया हौस्पिटल,
गुरुग्राम की डा मुज़म्मिल सुल्तान कोका से ;
1. थकान और कमजोरी
थायराइड के शुरुआती लक्षणों में थकान और कमजोरी होना बहुत ही आम बात है.
हाइपोथाइरॉइडिज़्म (जब शरीर में थायराइड हार्मोन की कमी होती है) में
व्यक्ति को बिना किसी मेहनत के भी थकान महसूस हो सकती है. शरीर को ऊर्जा
प्राप्त करने में दिक्कत होती है, जिससे व्यक्ति हर समय थका हुआ और सुस्त
महसूस करता है. यह थकान दिनभर बनी रह सकती है और व्यक्ति को अपने
रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई महसूस हो सकती है.
2. वजन में बदलाव
थायराइड के असंतुलन से वजन में तेजी से बदलाव आ सकता है.
हाइपोथाइरौइडिज़्म में व्यक्ति का वजन अचानक से बढ़ सकता है, जबकि
हाइपोथायरायडिज्म (जब शरीर में थायराइड हार्मोन की अधिकता होती है) में
व्यक्ति का वजन कम हो सकता है. वजन में बिना किसी स्पष्ट कारण के बदलाव
होने पर यह संकेत हो सकता है कि आपकी थायराइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर
रही है.
3. बाल झड़ना और त्वचा का सूखापन
थायराइड की समस्या से बालों का झड़ना भी हो सकता है. शरीर में थायराइड
हार्मोन की कमी से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, जिससे बाल पतले
होने लगते हैं और तेज़ी से झड़ने लगते हैं. इसके साथ ही त्वचा भी सूखी और
रूखी हो सकती है. हाइपोथाइरौइडिज़्म में व्यक्ति की त्वचा सख्त और बेजान
हो सकती है, जिससे खुजली और रूखापन महसूस हो सकता है.
4. हार्मोनल बदलाव और मूड स्विंग्स
थायराइड ग्लैंड ग्रंथि के असंतुलन से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. हाइपोथाइरॉइडिज़्म में व्यक्ति को उदासी, डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है. वहीं, हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति अत्यधिक चिंतित, घबराया हुआ और परेशान महसूस कर सकता है. मूड स्विंग्स और मानसिक अस्थिरता
थायराइड की समस्या का महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है.
5. गर्दन में सूजन और दर्द
थायराइड की समस्या से गर्दन के सामने हिस्से में सूजन या दर्द हो सकता
है. अगर थायराइड ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है या उसमें गांठ बनने लगती है,
तो गर्दन में दर्द और सूजन हो सकती है. इसे गौइटर कहते हैं, जो थायराइड
की गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. अगर आपको गर्दन में किसी प्रकार की
असामान्य सूजन महसूस होती है, तो तुरंत डौक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
6. कब्ज या पेट की अन्य समस्याएं
थायराइड की समस्या से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है. हाइपोथाइरौइडिज़्म में कब्ज की समस्या हो सकती है, जबकि हाइपोथायरायडिज्म में दस्त या पेट की अन्य समस्याएं हो सकती हैं. अगर आपको नियमित रूप से पेट की समस्याएं हो रही हैं, तो यह थायराइड की समस्या का संकेत हो सकता
है.
7. ज़्यादा ठंड या गर्मी महसूस होना
थायरौइड हार्मोन शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. अगर आपको सामान्य से ज्यादा ठंड या गर्मी महसूस होती है, तो यह थायराइड समस्या का लक्षण हो सकता है. हाइपोथाइरॉइडिज़्म में व्यक्ति को ज्यादा ठंड लग सकती है, जबकि हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति को ज्यादा गर्मी
महसूस हो सकती है. शरीर के तापमान को सहन करने की क्षमता में बदलाव आना
थायराइड के असंतुलन का संकेत हो सकता है.
8. दिल की धड़कन में बदलाव
थायराइड हार्मोन दिल की धड़कन को भी प्रभावित कर सकते हैं. हाइपोथाइरौइडिज़्म में दिल की धड़कन धीमी हो सकती है, जिससे चक्कर आना, कमजोरी और थकान हो सकती है. वहीं, हाइपोथायरायडिज्म में दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जिससे व्यक्ति को घबराहट और बेचैनी महसूस हो सकती है. अगर
आपको अपनी दिल की धड़कन में कोई असामान्य बदलाव महसूस होता है, तो यह थायराइड की समस्या हो सकती है.
9. मासिक धर्म में गड़बड़ी
महिलाओं में थायरौइड की समस्या से मासिक धर्म में अनियमितता हो सकती है. हाइपोथायरौइडिज्म में पीरियड्स लंबे समय तक चल सकते हैं और ब्लड फ्लो ज्यादा हो सकता है, जबकि हाइपरथायरौइडिज़्म में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और ब्लड फ्लो कम हो सकता है. अगर आपके मासिक धर्म में कोई
असामान्यता है, तो यह थायरॉइड समस्या का संकेत हो सकता है.
10. शारीरिक कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द
थायरौइड की समस्या से मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द हो सकता है. हाइपोथायरौइडिज़्म में व्यक्ति को मांसपेशियों में ऐंठन, दर्द और अकड़न महसूस हो सकती है. शारीरिक कार्यों को करने में कठिनाई और मांसपेशियों में कमजोरी थायरौइड की समस्या के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
11. नींद की समस्या
थायरौइड असंतुलन से नींद पर भी असर पड़ सकता है. हाइपरथायरौइडिज़्म में
व्यक्ति को नींद न आना की समस्या हो सकती है, जबकि हाइपोथायरॉइडिज़्म
में व्यक्ति को बहुत ज्यादा नींद आ सकती है. अगर आपकी नींद में अचानक कोई
बदलाव आता है, तो यह थायरौइड की समस्या का संकेत हो सकता है.
12. ध्यान और याददाश्त में कमी
थायरौइड की समस्या से मानसिक ध्यान और याददाश्त पर भी असर पड़ सकता है.
हाइपोथायरॉइडिज़्म में व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है और याददाश्त कमजोर हो सकती है. यह स्थिति व्यक्ति के रोजमर्रा के कामों पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकती है. अगर आपको अपनी मानसिक क्षमता में गिरावट महसूस होती है, तो यह थायरॉइड की समस्या का संकेत हो सकता है.
इलाज और डायग्नोसिस
थायरौइड की समस्या का इलाज और डायग्नोसिस डौक्टर द्वारा किया जाता है.
सबसे पहले ब्लड टेस्ट के माध्यम से शरीर में थायरौइड हार्मोन का स्तर जांचा जाता है. अगर टेस्ट के परिणाम में असंतुलन पाया जाता है, तो डौक्टर उचित उपचार की सलाह देते हैं. थायरॉइड की समस्या का इलाज दवाइयों के माध्यम से किया जाता है, और नियमित जांच के द्वारा स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है. अगर समय पर इलाज किया जाए तो थायरौइड की समस्या को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.
थायरौइड की समस्या के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय पर इलाज हो सके. थकान, वजन में बदलाव, बालों का झड़ना, मूड स्विंग्स, गर्दन में सूजन, और पाचन संबंधी समस्याएं थायरौइड की समस्या के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं. अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें.