आज के समय में चाहे बच्चे हो या बड़े हर कोई आँखों की समस्या से परेशान है कारण है ज्यादा देर तक मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर का इस्तेमाल करना व हमारी डाइट में पौष्टिक खानपान की कमी होना. ऐसे में आँखों के मरीजों की समस्या लगातार बढ़ रही है.
ऑक्युलर हायपरटेंशन आंखों से जुडी एक दुर्लभ बीमारी है. जब हमारी आंख के फ्रंट एरिया में
मौजूद फ्लूएड पूरी तरह से नहीं सुख पाता है तो हमें यह परे शानी हो सकती है.
तो चलिए जानते है ऑक्युलर हाइपरटेंशन की समस्या है क्या व इससे कैसे हम अपनी आँखों को बचा सकते हैं.
समस्या को जाने
इस बीमारी को आंख का हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है. आंख की पुतली के पीछे मौजूद एक
संरचना से जलीय पदार्थ निकलता है. यह लिक्विड जब आंख से बाहर नहीं निकलता है तब आंख के सामने के एरिया में मौजूद फ्लूइड पूरी तरह से सूख नहीं पाता है जिस वजह से आंख के भीतर मौजूद प्रेशर जिसे इंट्राकुलर प्रेशर कहते है वह नार्मल से ज्यादा हो जाता है. नार्मल िस्थति में यह प्रेशर 11 से 21 (mmHg) होता है . इसके बढ़ने से ग्लूकोमा जैसी बीमारी भी हो सकती है या इसकी वजह से एक या दोनों आंखे प्रभावित हो सकती हैं। आंख में चोट लगना ,अनुवांशिक बीमारी का होना या स्टेरॉयड दवाओं , अस्थमा और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का सेवन भी इस बीमारी का कारण हो सकती हैं.
लक्षण व बचाव
शुरुवात में इस बीमारी के लक्षण पता नहीं चल पाते लेकिन यह समस्या गंभीर होने पर मरीजों में आंख में दर्द और लालिमा जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं. वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. लेकिन 40 साल के बाद इसका खतरा बढ़ सकता है. जरूरी है कि नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं व डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयों का प्रयोग करें.