अक्‍सर जो लोग वजन कम करने का प्रयास करते हैं, वे मैदे से बनी हुई चीज़ें नहीं खाते. मैदा हर किसी के किचन में पाया जाता है जो, जिससे बहुत से खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं. लेकिन क्‍या मैदा आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अच्‍छा है?

मैदा या रिफाइंड आटे को अगर आप रोज़ अपने आहार में शामिल करेंगे तो यह आपको तुरंत नुकसान नहीं करेगा. मैदे के कई साइड इफेक्‍ट होते हैं, जो लंबे समय तक प्रयोग करने के बाद ही पता चलता है.

मैदा एक परिष्कृत गेहूं का आटा है, जिसमें से फाइबर समाप्‍त कर दिया जाता है. फिर इसके बाद इसे benzoyl peroxide ब्‍लीच किया जाता है जिससे इसको साफ और सफेद रंग और टेक्‍सचर दिया जाता है.

चाइना और यूरोपियन देशों में benzoyl peroxide को बैंन कर दिया जा चुका है क्‍योंकि इससे स्‍किन कैंसर हो सकता है.

मैदा खाने का नुकसान जानिये –

1- मोटापा बढ़ाए

बहुत ज्‍यादा मैदा खाने से शरीर का वजन बढ़ना शुरु हो जाता है और आप ओबीज़ होने लगते हैं. यही नहीं इससे कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल और खून में ट्राइग्‍लीसराइड भी बढ़ता है. यदि आपको वजन कम करना है तो अपने खाने से मैदे को हमेशा के लिये हटा दें.

2- पेट के लिये खराब

मैदा पेट के लिये इसलिए खराब होता है क्‍योंकि इसमें बिल्‍कुल भी फाइबर नहीं होता, जिससे कब्‍ज होने की शिकायत होती है.

3- फूड एलर्जी होती है

मैदे में ग्‍लूटन होता है, जो फूड एलर्जी को पैदा करता है. मैदे में भारी मात्रा में ग्‍लूटन पाया जाता है जो खाने को लचीला बना कर उसको मुलायम टेक्‍सचर देता है. वहीं गेंहू के आटे में ढेर सारा फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है.

4- हड्डियां हो जाती हैं कमजोर

मैदा बनाते वक्‍त इसमें से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है जो हड्डियों से कैल्‍शियम को खींच लेता है. इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.

5- रोग होने की संभावना बढ जाती है

मैदे को नियमित खाने से शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हो जाता है और बार बार बीमार होने की संभावना बढ़ने लगती है.

6- डायबिटीज का खतरा

इसे खाने से शुगर लेवल तुरंत ही बढ़ जाता है क्‍योंकि इसमें बहुत ज्‍यादा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्‍स होता है. तो अगर आप बहुत ज्‍यादा मैदे का सेवन करते हैं, तो अग्न्याशय की फिक्र करना शुरु कर दें क्‍योंकि यह एक बार तो इंसुलिन का उत्पादन ठीक से कर देगा मगर बार बार महनत पड़ने पर इसका काम धीमा पड़ जाएगा, जिससे शरीर में कम इंसुलिन का उत्‍पादन होगा और आप मधुमेह की चपेट में आ जाएंगे.

7- गठिया और हार्ट की बीमारी

जब ब्‍लड शुगर बढ़ता है तो खून में ग्‍लूकोज़ जमने लगता है, फिर इससे शरीर में केमिकल रिएक्‍शन होता है, जिससे कैटरैक्‍ट से ले कर गठिया और हार्ट की बीमारियां होने लगती हैं.

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