समाज में हमेशा से ही दोस्तों को जीवन में अहम जगह दी गई है. अब अमरीका में हुए शोध से भी ये बात सामने आई है कि अगर आप मित्रों और अच्छे पड़ोसियों के बीच रहते हैं तो स्वस्थ रहने के आसार 50 फीसदी बढ़ जाते हैं.

नतीजों के मुताबिक कम दोस्त होना सेहत के लिए उतना ही नुकसानदेह है जितना कि शराबी होना या दिन में 15 सिग्रेट पीना. शोध की मानें तो दूसरों का ख्याल रखना दरअसल हमें अपना भी बेहतर तरीके से ध्यान रखना सिखाता है.

ब्रिगहैम यंग यूनिवर्सिटी टीम ने 150 अलग-अलग अध्ययनों से आंकडा निकाला और इस नतीजे पर पहुंची. ये अध्ययन सोशल नेटवर्कों और लोगों के ज़िंदा रहने के आसार से जुड़ा हुआ था.

शोधकर्ता जूलियन कहती हैं कि दोस्त, सह-कर्मचारी और परिवार कई तरीकों से हमारे स्वास्थ्य और जीवन पर अच्छा असर डालते हैं. वे कहती हैं, “जब हम दूसरे लोगों से जुड़े होते हैं और उनके प्रति जिम्मेदारी महसूस करते हैं तो यही भावना हमें अपनाख्याल रखने के लिए भी प्रेरित करती है और हम जीवन में कम जोखिम उठाते हैं."

स्वास्थ्य का राज

शोध के तहत सात वर्षों के दौरान कई महाद्वीपों में विभिन्न पृष्ठभूमि और उम्र के तीन लाख लोगों का अध्ययन किया गया. जिन लोगों का सामाजिक तानाबाना ज्यादा मजबूत था उनका स्वास्थ्य अच्छा और आयु लंबी पाई गई. अकेले पड़े लोगों की तुलना में ऐसे लोगों के जिंदा रहने की संभावना डेढ़ गुना ज़्यादा है.

शोधकर्ता टिमथी कहते हैं कि आधुनिक तकनीक की वजह से कुछ लोग ये मानने लगे हैं कि आमने-सामने मिलकर और बैठकर संपर्क करना अब जरूरी नहीं है. शोध टीम का कहना है कि सामाजिक आधार खो जाने से हमारे जिंदा रहने के आसार कम हो जाते हैं- ठीक वैसे ही जैसे मोटापे से जीवनकाल कम हो सकता है या कभी-कभी इससे भी बुरा असर पड़ता है.

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