प्यूबर्टी (यौवनारम्भ) के दौरान आपके बच्चे की भावनाएं ज्यादा मजबूत और तीव्र हो सकती हैं. उनमें बार-बार, बिना वजह और अचानक ही मूड स्विंग्स हो सकते हैं. पहली बार में आपके बच्चे को बहुत ही मजबूत भावनाएं महसूस हो सकती हैं. यह सामान्य बात है कि उन्हें अनजान दुविधा, डर और गुस्सा महसूस हो. इसके साथ ही हो सकता है, वे सामान्य से ज्यादा संवेनदनशील और चिड़चिड़े हो जाएं. इस बारे में बता रही हैं- डॉ. मंजू गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा.
आपके बच्चे का दिमाग इन नए हॉर्मोन्स के साथ सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहा होता है, वहीं उनका शरीर भी यही काम कर रहा होता है. उनके दिमाग के हिस्से जो उन्हें मजबूत, जटिल भावनाओं का अनुभव करने में सक्षम बनाते हैं, प्यूबर्टी के दौरान मजबूत होने लगते हैं. हालांकि, मस्तिष्क का वह क्षेत्र जो भावनाओं, गहन विचार, तर्क और निर्णय लेने को नियंत्रित करता है, अक्सर अंत में विकसित होता है. आपका बच्चा ऐसा महसूस कर सकता है कि जैसे उनकी भावनाएं नियंत्रण से बाहर हो गई हैं.
यहां कुछ ऐसे भावनात्मक बदलावों के बारे में बताया गया है जोकि प्यूबर्टी के दौरान होते हैं
1. अत्यधिक संवेदनशीलता-
चूंकि, प्यूबर्टी के दौरान आपके शरीर में काफी सारे बदलाव होते हैं, इसलिए उन्हें खुद को लेकर असहजता महसूस हो सकती है और अपने लुक को लेकर ज्यादा सतर्क हो सकते हैं. इसकी वजह से आप जल्द चिड़चिड़े हो सकते हैं, लोगों पर भड़क सकते हैं या फिर डिप्रेशन महसूस हो सकता है. इसलिए यह जानना फायदेमंद होगा कि आप किन व्यावहारात्मक बदलावों से होकर गुजर रहे हैं और उनके बारे में आत्मविश्वास से बात कर पाएं.