हमेशा हैवी ज्वैलरी पहनने की शौकीन अर्चना को अचानक अपने इयर लौब्स कटने के कगार पर दिखाई देने लगे. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वे अपने कानों को कैसे बचाएं ताकि फिर से ज्वैलरी पहन सकें. इधर अर्चना की ही बहन की लड़की जो शादीशुदा थी, कानों में इयररिंग्स पहने कहीं जा रही थी कि पीछे से बदमाशों ने उस के इयररिंग्स खींच लिए. नतीजा, उस के कान के लौब्स बीच से ही कट गए. देखा जाए तो यह समस्या वैसी महिलाओं को ही ज्यादा होती है, जो अकसर कानों में बड़ेबड़े टौप्स या फिर झुमके वगैरह डाले रहती हैं. इस वजह से इन महिलाओं के कान के छेद धीरेधीरे बड़े हो कर कटने शुरू हो जाते हैं. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि आप ज्वैलरी पहनें ही नहीं. लेकिन हां, कानों को कटनेफटने से बचाने के लिए यह जरूरी है कि आप हमेशा कानों में हैवी ज्वैलरी न पहन कर उन्हें बीचबीच में खुला ही छोड़ दें और रात को सोते समय उन से ज्वैलरी को निकालना न भूलें. इस के अलावा कभी भी
2 गेज से ज्यादा की ज्वैलरी न पहनें.
लौब्स ठीक करने की तकनीक
कानों के लौब्स को ठीक करने के लिए जिस तकनीक का प्रयोग किया जाता है उसे इयर लौबिंग कहते हैं. इयर लौबिंग एक सामान्य प्रक्रिया है. इसे करने से पहले सामान्यतया उस हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है और फिर पीछे से कटे कान को मिला कर स्टिच कर दिया जाता है. इस के लिए त्वचा के ऊतकों में हलका सा कट का निशान भी लगाया जाता है. ऐसा ऊतकों को और कानों को सही शेप देने के लिए किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में 15 मिनट का समय लगता है. इयर लौबिंग कराने के बाद हलका सा दर्द का अनुभव हो सकता है, जिस के लिए पेनकिलर दी जाती है. स्टिच को 7 दिन बाद निकाल दिया जाता है. उस के बाद त्वचा को कोमल बनाने के लिए कुछ सप्ताह तक किसी मौइश्चराइजर से हलके हाथ से मालिश करने की सलाह दी जाती है ताकि लौब्स सामान्य अवस्था में आ जाएं. सर्जरी के पश्चात कानों को इन्फैक्शन से बचाने के लिए दिन में 3 बार पानी और साबुन से साफ करने के लिए कहा जाता है.