क्या आप जानती हैं कि किचन के वर्किंग स्लैब, बरतन मांजने, सब्जी आदि धोने के लिए सिंक व बरतन और खाद्य सामग्री रखने के लिए मौजूद शैल्फ आदि के साथ हमारी सेहत का गहरा रिश्ता है? वर्किंग स्लैब, सिंक आदि सही ऊंचाई पर न बने हों और किचन का अन्य सामान सही तरीके से व्यवस्थित न रखा गया हो तो उस का असर शरीर पर पड़ता है, पोश्चर बिगड़ता है और इस के कारण सरवाइकल पेन, बैक पेन, पैरों में सूजन आदि समस्याओं से शरीर ग्रस्त हो जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि किचन में हमारा पोश्चर कैसे ठीक रहे ताकि सेहत ठीक रहे? यह सब बता रही हैं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की फिजियोथैरेपिस्ट पूजा ठाकुर:

किचन में सब से जरूरी बात है कि हमारी वर्किंग स्लैब, जिस पर हम कुकिंग करते हैं, सब्जियां काटते हैं, आटा गूंधते हैं यानी अधिकांश काम इसी पर होता है, उस की ऊंचाई हमारी कमर तक होनी चाहिए. यदि वर्किंग स्लैब ऊंचा होगा तो हमें उचकना पड़ेगा और नीचा होगा तो झुकना पड़ेगा. दोनों ही स्थितियां पोश्चर बिगाड़ सकती हैं.

अकसर महिलाएं एक हाथ से आटा गूंधती हैं और प्रैशर हाथ से लगाती हैं, जो सही नहीं है, क्योंकि इस से एक हाथ की मसल्स पर, शोल्डर पर और कमर पर प्रैशर पड़ने पर उस का असर

शरीर पर पड़ता है. सही तरीका है कि 1 फुट ऊंचा पटरा लें, उस पर खड़े हो कर दोनों हाथों से आटा गूंधें और प्रैशर बौडी से लगाएं ताकि पोश्चर सही रहे.

जरूरी सामान नजदीक रखें

अकसर किचन में महिलाएं नीचे के कपबोर्ड में ज्यादा सामान रखती हैं, जिस के कारण जरूरत पड़ने पर बारबार झुक कर सामान निकालती हैं, जिस का असर उन की रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है. जरूरत है अपने किचन को व्यवस्थित करने की. ज्यादा काम में आने वाले रोजमर्रा के सामान को अपनी आंख के लैवल या स्टैंडिंग लैवल पर रखें, जिस से बारबार झुकना न पड़े. बहुत ऊंचाई वाली शैल्फ पर भी रोजमर्रा का जरूरी सामान नहीं रखना चाहिए. अन्यथा उचकना पड़ेगा, वह भी सही नहीं है.

नीचे के कपबोर्ड से सामान निकालने का सही तरीका है कि दोनों पैरों को खोल कर, घुटनों को मोड़ कर बैठ कर सामान निकालें, झुक कर नहीं निकालें. इस के साथ यह भी ध्यान में रखें कि नीचे के कपबोर्ड से जो भी

सामान निकालना है, उसे बारबार बैठने के बजाय एक बार में ही निकालें.

बरतन धोने अथवा सब्जी, दालचावल आदि धोने के लिए सिंक की ऊंचाई भी कमर के लेवल पर होनी चाहिए अन्यथा झुकने पर कमर में दर्द हो सकता है.

जब आंच पर ज्यादा देर कुकिंग करनी होती है तो महिलाएं स्लैब से चिपक कर खड़ी होती हैं, जिस से पीछे की तरफ झुकना हो जाता है. ऐसे में पोश्चर खराब हो जाता है, साथ ही कमर में दर्द भी. इस का सही तरीका है कि एक छोटा पटरा या स्टूल चन में रखें. एक पैर फर्श पर रखें और दूसरा स्टूल पर. 5-7 मिनट बाद दूसरा पैर स्टूल पर रखें और पहला फर्श पर. ऐसा करने से कमर सीधी रहेगी और दर्द भी नहीं होगा. इस का कारण यह है कि पटरे पर पांव रखने से कमर के निचले हिस्से का जो कर्व है वह सीधा रहता है और शरीर का वजन भी दोनों भागों पर समानांतर विभाजित होता रहता है और थकान भी कम होती है. बहुत सी महिलाओं के पैरों में सूजन आ जाती है, वह भी इस उपाय से कम हो जाती है.

ज्यादा झुकने से बचें

यदि किचन में काफी देर काम करना है तो अच्छा है कि हर आधे घंटे बाद किचन में ही या आसपास चहलकदमी कर लें अथवा किचन में एक कुरसी रखें, उस पर बैठ जाएं. काफी देर खड़े होने से पांव की मांसपेशियां हर समय तनी रहती हैं तो दर्द होता है. पांव में सूजन आ जाती हो तो किचन में कुरसी के अलावा एक दूसरी कुरसी अथवा मूढ़ा या स्टूल रखें. उस पर आधे घंटे बाद पांव रखें और पंजों को क्लाक वाइज और एंटी क्लाकवाइज घुमाएं. 10-15 बार ऐसा करें.

किचन में काफी देर तक सब्जी आदि चलाते रहने पर सरवाइकल पेन हो जाता है और जिन्हें है उन का बढ़ जाता है. कारण है, हर समय गरदन की मांसपेशियों का तना रहना. इस के लिए थोड़ीथोड़ी देर में गरदन दाएंबाएं ऊपरनीचे घुमाते रहें.

रोटी बेलते समय, चौपिंग व कटिंग करते समय सब कुछ कमर को बिना झुकाए सही ऊंचाई पर स्थित स्लैब पर करें. पोश्चर सही रहेगा. रोटी बेलते समय गरदन को झुकाना न पड़े, यह सही स्थिति रहती है.

यदि वर्किंग स्लैब नीचा है तो उसे ऊंचा करने के लिए एक वुडन स्लैब लगाया जा सकता है पर यदि ऊंचा है तो अच्छा रहेगा कि अपनी ऊंचाई के हिसाब से पुन: बनवा लें ताकि पोश्चर ठीक रहे.

 

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