‘सांसों को सांसों में ढलने दो जरा, धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो जरा, लम्हों की गुजाइश है ये पास आ जाएं, हम तुम...’
हम तुम तुम हम टीवी पर चले रहे फिल्म ‘हमतुम’ के इस गाने में सैफ अली खान और रानी मुखर्जी बहुत ही रोमांटिक अंदाज में करीब आते हुए दिलों की धड़कनें बढ़ा रहे थे. रिया को गाने सुनने का शौक नहीं था. इस गाने के बोल उसे कुछ इस कदर भा गये कि वह पूरा गाना सुनने लगी.
वह सोचने लगी कि अपने हनीमून में वह खुद भी कुछ इसी तरह खुल कर रोमांटिक होगी और पति के साथ मजे लेगी, वह अपनी शादी की सारी तैयारियां कर चुकी थी. हनीमून में क्या पहनेगी, कैसे रहेगी सब सोच लिया था.
इस गाने को सुनने के बाद रिया को लगा कि सब से जरूरी काम तो रह ही गया. वह अपनी सांसों की खुशबू को ऐसे महकाना चाहती थी कि उस का पति सांसों की खुशबू में मदहोश हो कर पूरी दुनिया भूल जाये. रिया ने कुछ समय पहले अपने दांतों में कैविटी की फिलिंग करवाई थी. इस में उसे कई बार अजीब सी गंध महसूस होती थी.
फिल्म ‘हमतुम’ के गाने को सुनने के बाद रिया को लगा कि जब तक सांसों की परेशानी दूर नहीं होगी तब तक उस की फस्ट नाइट की तैयारी अधूरी रहेगी.
बात केवल रिया की ही नहीं है. ऐसे बहुत सारे लड़केलड़कियां होते है, जो शादी की हर तैयारीकर लेंगे केवल सांसों की खुशबू की तरफ ध्यान नहीं देंगे. सही मानों में देखें तो फर्स्ट नाइट की शुरुआत सब से पहले इसी करीबी से शुरू होती है. शारीरिक संबंधों की शुरुआत ही चुबन यानी किस से होती है.