गरमी का मौसम हानिकारक तत्त्वों को शरीर से बाहर निकालने (डिटौक्स) के लिए उपयुक्त समय होता है, क्योंकि इन दिनों ताजा और्गेनिक फलों और सब्जियों की काफी उपलब्धता होती है.
लिवर अपने ऐंटीऔक्सीडैंट्स का उत्पादन खुद करता है, लेकिन स्वस्थ बने रहने के लिए इसे खाद्यपदार्थों के स्रोतों से अन्य ऐंटीऔक्सीडैंट्स की भी जरूरत पड़ती है. इसलिए ऐसे खाद्यपदार्थों का सेवन करें, जो लिवर और पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक होते हैं.
ऐंटीऔक्सीडैंट आधारित खाद्यपदार्थों के ज्यादा सेवन से शरीर के मुक्त कणों से मुकाबला करने में मदद मिलती है. डिटौक्स के निम्न टिप्स की मदद से शरीर को साफ करने में मदद मिलती है:
– समर में डिटौक्स के लिए तरबूज सब से अच्छा खाद्यपदार्थ है. इस से शरीर में काफी क्षारीय गुणों वाले तत्त्व बनते हैं और इस में काफी मात्रा में साइट्रोलाइन होता है. इस से आर्जिनिन बनने में मदद मिलती है, जिस से शरीर से अमोनिया एवं अन्य हानिकारक तत्त्व बाहर निकलते हैं. इस के साथ ही तरबूज पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है, जो हमारी डाइट में सोडियम की मात्रा को संतुलित करता है और सफाई के दौरान हमारी किडनियों को भी सपोर्ट करता है.
– शरीर से हानिकारक तत्त्वों को निकालने में खीरा काफी मददगार होता है. खीरे में पानी की काफी मात्रा होती है, जिस से मूत्र प्रणाली में गतिशीलता आती है.
– नीबू लिवर के लिए बेहतरीन उत्प्रेरक है और यह यूरिक ऐसिड और अन्य हानिकारक रसायनों को घोल देता है. यह शरीर को क्षारीय बनाता है और इस तरह से यह शरीर के पीएच लैवल को संतुलित करता है.
– पुदीने की पत्तियां गरमी में ठंडक का एहसास देती हैं. ये ज्यादा प्रभावी तरीके से खाना पचाने में मदद करती हैं और लिवर, पित्ताशय व छोटी आंत से पित्त के प्रवाह में सुधार लाती हैं, साथ ही आहार वसा को विघटित करती हैं.
– अमीनो ऐसिड प्रोटीनयुक्त पदार्थों में पाया जाता है और यह हानिकारक तत्त्वों को शरीर से निकालने की प्रक्रिया के लिए बहुत आवश्यक है.
– सब्जियों को भाप से पकाना या हलका फ्राई करना अच्छा विकल्प है, क्योंकि इस से पोषक तत्त्वों का क्षय नहीं होता है.
– हानिकारक तत्त्वों को शरीर से बाहर निकालने के लिए कुछ हलकेफुलके व्यायाम करें. डिटौक्सिंग के दौरान यह जरूरी है कि आप अलकोहल और कैफीन से दूर रहें.
– प्रतिदिन सुबह गरम पानी में नीबू और शहद मिला कर पीएं, क्योंकि यह पाचनतंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज से दूर रखने में मदद करता है.
– पोलिफेनोल्सयुक्त हरी चाय का खूब सेवन करें, क्योंकि यह शक्तिशाली ऐंटीऔक्सीडैंट का काम करती है.
– तय मात्रा में लेकिन नियमित तौर पर दूध का सेवन करें. दूध में पोषक तत्त्वों की प्रचुरता होती है, जो हड्डियों के लिए खासतौर पर महत्त्वपूर्ण है. दूध हमारे शरीर से अशुद्ध चीजों को बाहर निकालने के दौरान शरीर को मजबूत बनाता है.
– कैफीन से दूर रहें, क्योंकि यह शरीर को पोषक तत्त्वों को अवशोषित करने में अड़चन खड़ी करती है. इस के साथ ही शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह रक्तप्रवाह में आसानी से अवशोषित होती है और शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है.
– ढेर सारा पानी पीएं. पुरुषों को प्रतिदिन कम से कम 3 लिटर और महिलाओं को करीब 2.2 लिटर पानी पीना चाहिए. पानी महत्त्वपूर्ण अंगों से हानिकारक तत्त्वों को बाहर निकालता है और पोषक तत्त्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाता है.
– अपने आहार में फाइबरयुक्त भोजन की मात्रा बढ़ाएं. फाइबरयुक्त आहार प्रतिरोधक प्रणाली के नियमन में अहम भूमिका निभाता है और इस की वजह से कार्डियोवैस्क्युलर बीमारी, मधुमेह, कैंसर और मोटापे का खतरा कम होता है.
– पर्याप्त विटामिंस लें. यह एक महत्त्वपूर्ण पोषक है, जिस का शरीर अपनेआप ही पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं कर सकता. इसलिए यह काफी महत्त्वपूर्ण है कि आहार में विटामिंस संतुलित मात्रा में हों.
– सोने की भी भूमिका महत्त्वपूर्ण है. जब हम सोते हैं तो सभी कोशिकाओं और ऊतकों में समुचित औक्सीजन का संचार होता है. औक्सीजन की उपलब्धता सभी आवश्यक अंगों को अच्छी तरह चलाने में मदद करती है और त्वचा को कोमल एवं आंखों को चमकदार बनाती है.
सोनिया नारंग
ओरिफ्लेम इंडिया