बच्चों में एलर्जी भले ही आम समस्या है लेकिन बच्चा एलर्जी के साथ ही बड़ा हो जाए और आगे चल कर एलर्जी गंभीर रूप धारण कर ले, यह ठीक नहीं. इस के लिए क्या करें, जानने के लिए यहां पढ़ें.

अगर आप ध्यान दें तो कई बार कीड़ेमकोड़ों के काटने से इंसैक्ट बाइट एलर्जी हो जाती है. इस में खुजली होनी शुरू हो जाती है.

एलर्जन के प्रभाव में जब सांस के रास्ते सिकुड़ जाते हैं तो ऐसी स्थिति दमा बन जाती है. दमा भी एलर्जी का ही एक रूप है.

शिशुओं में एलर्जी होना, खासकर 0-3 साल के बच्चों में एलर्जी होना, एक आम समस्या है, जो बड़े होने पर अपनेआप ठीक हो जाती है. लेकिन अगर इस का समय पर इलाज न कराया जाए तो इस के परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं.

बच्चों में 3 तरह की एलर्जी देखने को मिलती हैं...

- एयर बौर्न एलर्जी

- फूड एलर्जी और

- इंसैक्ट बाइट एलर्जी.

एयर बौर्न  एलर्जी : बच्चों में होने वाली सब से सामान्य एलर्जी एयर बौर्न एलर्जी यानी हवा के द्वारा होने वाली एलर्जी होती है. यह एलर्जी धूल, घरेलू गंदगी पर रेत के कण, फूलों के परागकण, हवा में प्रदूषण और फंगस आदि से होती है.

एयर बौर्न एलर्जी होने पर कई बच्चों को रैशेज हो जाते हैं, त्वचा पर लाललाल चकत्ते बन जाते हैं. अगर सांस के रास्ते की एलर्जी है तो बच्चे की सांस फूलने लग जाती है, कइयों की नाक बहना शुरू हो जाती है, खांसी आने लगती है, आंखों से पानी आने लगता है और वे लाल हो जाती हैं.

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