आजकल लोगों को घर में पालतू रखने का शौक है. आमतौर पर लोग डौग पालना ही पसंद करते हैं. हां, कुछ लोग बिल्ली भी पालते हैं. आप का पालतू आप के घरपरिवार का ही एक सदस्य है, इसलिए उस की सुखसुविधा, खानपान और परेशानियों के प्रति भी आप को सचेत रहना चाहिए.
पालतू कुत्ते अपनी बौडी लैंग्वेज से अपनी परेशानियां व्यक्त करते हैं. उन पर भी मौसम का असर पड़ता है. उन्हें भी ठंड और गरमी लगती है. इस से वे विचलित होने लगते हैं. उन की सर्दीगरमी से हिफाजत करना मालिक का कर्तव्य है. पालतू अकारण ही नहीं भूंकता और न ही रोता है. इस के पीछे कोई न कोई वजह होती है. मालिक को उस के रोने या भूंकने के तरीके से संकेतों को समझना चाहिए.
पटाखे करते हैं परेशान
दीवाली आने पर जम कर आतिशबाजी की जाती है. तेज धमाके वाले पटाखे फोड़े जाते हैं, जिन से पालतू को परेशानी हो सकती है. आतिशबाजी के धुएं से पालतू को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार जलते पटाखे उस के शरीर पर आ कर लग जाते हैं. पटाखों के धुंए से उसे सांस लेने में परेशानी हो सकती है. वह डर भी जाता है.
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पालतू को खुजली की बीमारी भी लग सकती है. इस से वह बेचैन और परेशान रहता है तथा हमेशा शरीर को खुजलाते रहता है. ऐसे में पशु चिकित्सक से उस का उपचार कराना चाहिए.
पालतू को भी उस का पसंदीदा भोजन निर्धारित समय पर देना चाहिए. गरमी में उसे प्यास अधिक लगती है. अत: पर्याप्त मात्रा में पानी रखना चाहिए.