सवाल
मैं 27 साल की विवाहिता हूं. मेरे 2 बेटे हैं. मुझे 2 बार अबौर्शन करवाने की भी जरूरत पड़ी है. छोटे बेटे के जन्म के बाद मैं ने ट्यूब्ल लाइगेशन करवा लिया था. पिछले दिनों मेरी कुछ सहेलियों ने बताया कि लाइगेशन औपरेशन कराने के बाद भी प्रैगनैंसी हो जाती है. क्या यह बात सच है? क्या मुझे अब भी गर्भनिरोधक युक्ति अपनाने की जरूरत है?
जवाब
यह सच है कि हर किसी गर्भनिरोधक उपाय की तरह लाइगेशन औपरेशन भी कभीकभार फेल हो सकता है. यह परेशानी लाइगेशन औपरेशन के तुरंत बाद के दिनों से ले कर औपरेशन के कई साल बाद किसी भी समय सामने आ सकती है. इंगलैंड में हुए अध्ययनों में देखा गया है कि लाइगेशन औपरेशन करवाने वाली 2000 में से 1 स्त्री में औपरेशन के बाद भी प्रैगनैंसी हो जाती है.
दरअसल, इस औपरेशन में स्त्री की दोनों फैलोपियन ट्यूबों पर छल्ला, क्लिप या धागे की गांठ कस दी जाती है. उस से दोनों ट्यूबों का भीतरी रास्ता बंद हो जाता है. नतीजतन ओवरी में पक कर छूटा अंडा न तो बच्चेदानी तक पहुंच पाता है और न ही समागम के समय योनि में छूटे पुरुष शुक्राणु बच्चेदानी से फैलोपियन ट्यूब तक की यात्रा पूरी कर पाते हैं. फलस्वरूप अंडे और शुक्राणु का मिलन नहीं हो पाता और स्त्री प्रैगनैंसी से बची रहती है.
पर इक्केदुक्के मामलों में फैलोपियन ट्यूबों पर डाला गया छल्ला, क्लिप या तो औपरेशन के समय ही ठीक से नहीं डल पाता या फिर समय बीतने पर अपने स्थान से फिसल जाता है जिस से फैलोपियन ट्यूबें फिर से खुल जाती हैं और प्रैगनैंसी होने की संभावना फिर से बन जाती है.