गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत मां की सेहत पर निर्भर करती है, इसलिए प्रैग्नेंसी के दौरान मां का अपनी सेहत का खास खयाल रखना और स्वास्थ्यवर्धक चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी है. इन दिशानिर्देशों का पालन कर प्रैग्नेंट एक हेल्दी शिशु को जन्म दे सकती है:
प्रैग्नेंसी के दौरान क्या करें
अच्छा खाएं
आप प्रैगनैंट हैं इस का यह अर्थ नहीं है कि आप को अब 2 लोगों के लिए खाने की जरूरत है. आप को बस ऐसा आहार लेना है जिस से आप को अधिक से अधिक पोषण मिले. प्रैग्नेंसी के दौरान शरीर को पोषण की बहुत आवश्यकता होती है. आप हेल्दी रहेंगी तभी हेल्दी बच्चे को जन्म दे पाएंगी.
– खासतौर पर प्रोटीनयुक्त चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. इन में दाल, अंकुरित अनाज, दूध एवं दूध से बने पदार्थ, अंडा, मीट आदि को रोज की डाइट में जरूर शामिल करें ताकि शरीर में प्रोटीन की कमी न रहे.
ये भी पढ़ें- 6 टिप्स: स्किन को नुकसान से बचाएं ऐसे
– हेल्दी प्रैगनैंसी के लिए आयरन को भोजन में शामिल करना बेहद जरूरी है. इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, फलियां, लीची, किशमिश, अंजीर जैसी चीजों का रोज सेवन करें. इन के अलावा विटामिन सी का प्रयोग जरूर करें ताकि शरीर में आयरन की कमी न हो सके.
– दिन में 3 बार बड़ी मात्रा में भोजन लेने के बजाय 5-6 बार थोड़ाथोड़ा और संतुलित आहार लेना ज्यादा बेहतर होगा. ध्यान रहे किसी भी समय के भोजन को न छोड़ें. हलके-फुलके नाश्ते के जरीए अपनी ऊर्जा का स्तर बनाए रखें.
– होने वाले शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए कैल्सियम की मात्रा अधिक लें. ऐसा करना आप को पीठ और कमर के दर्द से भी छुटकारा दिलाएगा और ब्रैस्ट फीडिंग के लिए भी तैयार करेगा. इस के लिए दूध व दूध की बनी चीजें, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां खासतौर से पालक, मूंगफली आदि को डाइट में शामिल करें.
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
– वैसे तो पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन सभी के लिए जरूरी है, लेकिन प्रैग्नेंट होने पर कम पानी पीने का रिस्क बिलकुल नहीं लें. प्रैगनैंसी के वक्त खुद और होने वाले बच्चे को हेल्दी रखने के लिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं.
– पानी शरीर की नमी बरकरार रखता है, जिस से शरीर का तापमान भी संतुलित रहता है.
– कुछ महिलाओं को लगता है कि प्रैग्नेंट होने पर व्यायाम या ऐक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करना प्रैग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन यह गलत है. डाक्टर की सलाह पर व्यायाम जरूर करें और नियमित करें.
– अच्छा व्यायाम ताकत और सहनशक्ति देता है. इस शक्ति की जरूरत आप को प्रैग्नेंसी के दौरान बढ़ते वजन को संभालने और प्रसवपीड़ा के दौरान होने वाले शारीरिक तनाव को झेलने के दौरान होगी. यह शिशु के जन्म के बाद वजन घटाने में भी आप की सहायता करता है.
– व्यायाम ऐक्टिव बनाता है और प्रैग्नेंसी के अवसाद को दूर करने में भी मदद करता है.
– मौर्निंग वाक या ईवनिंग वाक करें.
– घर के छोटेमोटे काम करना भी फायदेमंद होता है.
ये भी पढ़ें- ब्रैस्टफीडिंग को हाइजीनिक बनाने के लिए अपनाएं 6 टिप्स
वैक्सिनेशन का रखें खयाल
– प्रैगनैंसी के दौरान लगने वाला कोई भी टीका लगवाना न भूलें. अगर कुछ दिन लेट हो जाती हैं तो डाक्टर से परामर्श ले कर तुरंत लगवा लें.
साफ-सफाई रखनी जरूरी
– प्रैग्नेंट होने पर आप की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं, क्योंकि आप को अपने साथसाथ अपने होने वाले बच्चे का भी ध्यान रखना होता है. बाकी सभी चीजों की तरह ही प्रैगनैंसी के दौरान साफसफाई रखना बहुत जरूरी है. साफसफाई न रखने से संक्रमण हो सकता है जो सीधा आप के स्वास्थ्य पर असर डालता है.
– घर की रोज सफाई करवाएं.
– रोज धुले कपड़े पहनें.
– रोज नहाएं और त्वचा में नमी बनाए रखें.
– बैडशीट को हर हफ्ते चेंज करें.
– धूलमिट्टी से दूर रहें.
आराम जरूर करें
प्रैग्नेंसी के शुरुआती और आखिरी दिनों में आराम करने की बेहद जरूरत होती है. आप खुद को जरूरत से ज्यादा न थकाएं. दोपहर में झपकी आपके और आप के बच्चे दोनों के लिए लाभदायक रहेगी. कामकाज में किसी और की मदद लें.
इन चीजों से बचाव करें
– कच्चा दूध, पानी प्रैग्नेंट के लिए हानिकारक होगा.
– ज्यादा वसा वाले खाने से दूर रहें.
– एकसाथ या एक बार में अधिक पानी न पीएं. इस से पेट में दर्द हो सकता है. शरीर में भारीपन भी महसूस होगा.
प्रैगनैंसी के पहले महीने में इन चीजों से बचें:
– हील से दूर रहें.
– लंबी यात्रा न करें.
– भारी चीजें न उठाएं.
– ज्यादा झुकने से बचें.
– तनाव से दूर रहें.
– शराब और धूम्रपान का सेवन भूल कर भी न करें. इस से प्रैग्नेंट के साथसाथ उस के होने वाले बच्चे को भी बड़ा खतरा हो सकता है.
– कैफीन का सेवन कम करें, क्योंकि इस के अधिक सेवन से गर्भपात की भी समस्या हो सकती है.
– प्रैग्नेंट उपवास न करें.
ये भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी में थायराइड की स्क्रीनिंग है जरुरी
– नमक का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें.
– जंक फूड या बाहरी चीजों के सेवन से बचें.
– तेज धूप में बाहर न जाएं.
-डा. नुपुर गुप्ता, गाइनोकोलौजिस्ट ऐंड डाइरैक्टर वैल वूमन क्लीनिक, गुरुग्राम