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हम सभी जानते ही है की हमारे देश में कोरोना का कहर अभी भी ज़ारी है जिस कारण पूरे देश में lockdown चल रहा है. कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा प्रेग्नेंट महिला को ही है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिला की इम्युनिटी आपरूपी कम रहती है. प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में जो सबसे बड़ी कमी होती है वो है खून की कमी. जिसे हम एनीमिया भी कहते है. शरीर में खून की कमी हो जाना बेहद खतरनाक है और वो भी ऐसी स्थिति में जबकि महिला के गर्भ में ही एक और जान पल रही हो, इसे लापरवाही से लेना मां और बच्चे दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.

कुछ महिलाओं में तो एनीमिया का खतरा इतना ज्यादा बढ़ जाता है की खून चढ़ाने तक की नौबत आ जाती है.

तो चलिए जानते है की प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले एनीमिया का कारण ,लक्षण और उसकी जटिलताएं -
एनीमिया ,इसे आप आम भाषा में खून की कमी कह सकते हैं.जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने लगता है, तब एनीमिया की शिकायत होने लगती है. हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में कमजोरी आ जाती है.

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कुछ लोगों को लगता है कि एनीमिया यानी खून की कमी आयरन की कमी के कारण होती है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एनीमिया आयरन की कमी के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण भी हो सकता है. आइये जानते है कि और किन-किन की कमी से एनीमिया हो सकता है -
1. आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया
2. फोलेट की कमी से होने वाला एनीमिया
3. विटामिन B 12 की कमी से होने वाली एनीमिया
1 - आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया और उसकी जटिलताएं - गर्भावस्था में खून की कमी का एक मुख्य कारण होता है आयरन की कमी.जब शरीर में आयरन की कमी होने लगती है, तो हीमोग्लोबिन बनने में मुश्किल होती है जिसके कारण निम्न समस्याएँ उत्पन्न होती है –
• समय पूर्व प्रसव या कम वज़न वाले बच्चे का जन्म का खतरा बढ़ सकता है.
• डिलीवरी के दौरान ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है.
• डिलीवरी के बाद महिला को डिप्रेशन की समस्या हो सकती है.इसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है.
• जन्म के बाद बच्चे में भी खून की कमी हो सकती है और उसके विकास में देरी हो सकती है.

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