आर्टिफिशियल प्रक्रिया की मदद से गर्भधारण करना कोई नई बात नहीं है. नई बात तो यह है कि नए जमाने की नई सोच की वजह से समाज ने इसे अपना लिया है. फिर इनफर्टिलिटी के तमाम केसों और कारणों को देखते हुए आज कई तकनीकों की मदद से गर्भधारण कराया जा रहा है. जैसे इक्सी, आईवीएफ, लेजर असिस्टिड हैचिंग, ब्लास्टोसिस्ट कल्चर आदि.

47 वर्षीय जेनिफर जब 2004 में भारत आईं, तब उन का उद्देश्य ताज की खूबसूरती देखना नहीं, बल्कि यहां आ कर गर्भधारण करना था जोकि फ्रांस में नहीं कर पा रही थीं. उन्होंने भारत में डाक्टर से संपर्क किया और अपने पति के साथ यहां आ कर 10 दिन बिताए. यहां डोनर एग की सहायता से वे न सिर्फ गर्भधारण कर पाईं, बल्कि बच्चे को भी जन्म दिया.

उदयपुर स्थित इंदिरा इनफर्टिलिटी एवं टैस्ट ट्यूब बेबी सैंटर के निदेशक डा. अजय मुर्डिया के अनुसार इनफर्टिलिटी उपचार के क्षेत्र में तो भारत सब की पहली पसंद बनता जा रहा है. इस का एक बड़ा कारण है कम पैसों में अच्छी मैडिकल सुविधा का उपलब्ध होना.

अब ऐसी कोई चिकित्सा पद्धति नहीं बची है, जो विदेशों में हो रही है मगर भारत में नहीं हो सकती. दांतों की समस्या, नी कैप और हिप रिप्लेसमैंट और आईवीएफ व ओपन हार्ट सर्जरी तक के लिए पश्चिमी देशों से मरीज भारत की ओर रुख कर रहे हैं. कम खर्च में अच्छी चिकित्सा व आनेजाने की सुविधा के अलावा इंटरनैट क्रांति ने इस दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. विश्व स्तरीय चिकित्सा को मामूली खर्च पर मुहैया करने में भारत को अच्छी सफलता मिली है.

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