इंदिरा आईवीएफ, बिरला आईवीएफ, दिल्ली आईवीएफ का नाम तो आप ने सुना ही होगा. आजकल इन के फर्टिलिटी ऐंड आईवीएफ क्लीनिक्स जगहजगह आप को देखने को मिल जाएंगे. ये क्लीनिक्स भारत और दुनिया में बढ़ रही एक गंभीर समस्या घटती प्रजनन दर की तरफ इशारा करते हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, फिलहाल भारत में तो नहीं.

साल दर साल प्रजनन दर में देखी जा रही लगातार गिरवट इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में ये एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ सकती है. भारत में अभी इस का कोई खास असर दिखाई नहीं देता, लेकिन समस्या बढ़ रही है.

रिसर्च ऐक्सपर्ट ऐरन ओ नाईल के द्वारा अगस्त, 2023 में पब्लिश की गई फर्टिलिटी रेट के अनुसार एशिया के प्रमुख देशों में प्रजनन क्षमता काफी कम देखी गई. प्रजनन क्षमता का अर्थ एक औरत अपने जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म देती है से लिया जाता है.

पिछले 50 वर्षों में दुनियाभर में प्रजन्न दर में भारी गिरावट आई है. 1952 में औसत वैश्विक परिवार में 5 बच्चे थे जिन की संख्या अब 2 या 3 तक सिमट कर रह गई है और एशियाई देशों में यह 1 तक पहुंच चुकी है.

नशे की लत है गलत

इस की कुछ खास वजहें हैं जिन के कारण ऐसा होना माना जा रहा है. जैसेकि बढ़ता शैक्षिक स्तर खासकर महिलाओं में जो उन्हें लेट और कम बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि जीवन स्तर का ध्यान रखा जा सके. इसी को ध्यान में रखते हुए महिला व पुरुष शादी नहीं कर रहे. इस में उन्हें 35-40 साल की उम्र लग रही है, जिस उम्र में महिला में ऐग बनना कम होने लगते हैं और पुरुष में स्पर्म. ऐसे में महिलाएं गर्भधारण की समस्या से जूझने लगती हैं.

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