गर्भवस्था के दौरान होने वाली क्रेविंग्स के कई सारे कारण हो सकते हैं, जैसे हॉर्मोन्स, स्वाद और गंध का तीव्र हो जाना या फिर पोषक तत्वों की कमी होना. खाने की तीव्र इच्छा आमतौर पर पहली तिमाही में शुरू होती है और दूसरी तिमाही में यह अपने चरम पर होती है. हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान अपने खाने को लेकर सतर्क होना जरूरी है, क्योंकि यह गर्भकालीन मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) का कारण बन सकता है, जोकि सालाना 10% गर्भवस्था को प्रभावित करता है.

डॉ. मंजू गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा का कहना है कि आमतौर पर, जेस्टेशनल डायबिटीज को प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने के रूप में परिभाषित किया जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान विकसित होते भ्रूण को और ज्यादा ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिये, एक महिला के शरीर में ग्लूकोज की खपत में बदलाव आ जाता है. वहीं, कुछ महिलाओं का शरीर ज्यादा इंसुलिन का निर्माण कर उसे समायोजित कर लेता है, जबकि बाकी उस मांग को पूरा नहीं कर पातीं.

आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि सामान्य से ज्यादा भूख लग रही है. यदि आपको जुड़वां या ट्रिपलेट भी होने की उम्मीद है तो भी आपको दो के लिये खाने की जरूरत नहीं. खाने की अपनी सभी पसंदीदा चीजों को हटाने की बजाय, थोड़ी-थोड़ी देर में हेल्दी खाना खाएं और विविधतापूर्ण भोजन के लिये अलग-अलग चीजों से खाने की पूर्ति करें. इससे जेस्टस्टेशन डायबिटीज होने की आशंका कम हो जाएगी और यदि आपको यह बीमारी है तो उसका सही नियंत्रण हो पाएगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...