रह्यूमेटाइड अर्थराइटिस एक जटिल बीमारी है, जिस में जोड़ों में सूजन और जलन की समस्या हो जाती है. यह सूजन और जलन इतनी ज्यादा हो सकती है कि इस से हाथों और शरीर के अन्य अंगों के काम और बाह्य आकृति भी प्रभावित हो सकती है. रह्यूमेटाइड अर्थराइटिस पैरों को भी प्रभावित कर सकती है और यह पंजों के जोड़ों को विकृत कर सकती है.
इस बीमारी के लक्षण का पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. रह्यूमेटाइड आर्थराइटिस में सूजन, जोड़ों में तेज दर्द जैसे लक्षण होते हैं. पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं को अधिक देखने को मिलती है. वैसे तो यह समस्या बढ़ती उम्र के साथसाथ होती है, लेकिन अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान के कारण कम उम्र की महिलाओं में भी यह बीमारी देखने को मिल रही है.
रोग के लक्षण
वास्तव में रह्यूमेटाइड अर्थराइटिस से पीडि़त 90% लोगों के पैरों और टखनों में रोग के लक्षण सब से पहले दिखाई देने लगते हैं. इस स्थिति का आसानी से उपचार किया जा सकता है, क्योंकि मैडिकल साइंस ने अब काफी प्रगति कर ली है और विकलांगता से आसानी से बचा जा सकता है.
रह्यूमेटाइड आर्थराइटिस से ज्यादातर हाथों, कलाइयों, पैरों, टखनों, घुटनों, कंधों और कुहनियों के जोड़ प्रभावित होते हैं. इस रोग में शरीर के दोनों तरफ के एकजैसे हिस्सों में सूजन व जलन हो सकती है. रह्यूमेटाइड आर्थ्राइटिस के लक्षण समय के साथ अचानक या फिर धीरेधीरे नजर आ सकते हैं. पैरों और हाथों में विकृति आना रह्यूमेटाइड आर्थ्राइटिस का सब से सामान्य लक्षण है.
रह्यूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण
महिलाओं को यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, पर बढ़ती उम्र के साथसाथ इस के होने की संभावना अधिक हो जाती है. रह्यूमेटाइड अर्थराइटिस होने की सब से ज्यादा संभावना 40 साल की उम्र के बाद होती है. जो महिलाएं मां नहीं बनतीं उन में इस बीमारी का खतरा अधिक हो जाता है.