कोरोना के लगातार बढ़ते ग्राफ को देखकर अभी किसी भी देश या राज्य के लिए यह कितने दिनों तक चलेगा, अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वायरस म्यूटेट कर रहा है और पिछले साल से इस साल बहुत जल्दी एक दूसरे को अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे में हॉस्पिटल से लेकर शमशान गृह हर जगह लोग परेशानी का सामना कर रहे है, लेकिन म्युटेशन की वजह क्या है, कितने दिन तक ये लहर चलेगी आदि न जाने कितने ही प्रश्नों के उत्तर की खोज में साइंटिस्ट दिन-रात लगे है. जल्दी-जल्दी में निकाले गए वैक्सीन अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों के साथ भारत ने भी 16 जनवरी से लगाना शुरू कर दिया है, ऐसे में यह माना जा रहा है कि सभी देशवासियों को वैक्सीन लग जाने के बाद कोरोना वायरस से कुछ हद तक खतरा टल जाएगा और जिंदगी फिर से पटरी पर लौट पाएगी, लेकिन कुछ लोग हमारे देश में पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी वैक्सीन लगाना नहीं चाहते. साथ ही कोरोना गाइडलाइन्स को सही पालन न करने की वजह से आज पूरा देश कोविड 19 की चपेट में आ चुका है.
- इस बारें में पूणे के बी जे मेडिकल कॉलेज क्लिनिकल ट्रायल यूनिट के वायरोलोजिस्ट प्रसाद देशपांडे कहते है कि इस समय कोरोना संक्रमण का अचानक बढ़ जाने की वजह कई है, अभी स्ट्रेन थोडा अलग है, जिसे म्युटेशन कहा जाता है. साथ ही ये बहुत जल्दी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है. कुछ दिनों पहले सिवियरिटी कम हो गई थी, लेकिन ये फिर से बढ़ने लगी है. पिछले साल एक व्यक्ति के होम क्वारेंटिन होने पर बाकी लोगों को संक्रमण नहीं होता था, लेकिन अब एक व्यक्ति संक्रमित होने से पूरे परिवार को संक्रमण हो रहा है.
- रिलेक्सेशन होने की वजह से महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत का चुनाव के दौरान लोगों का मुवेमेंट बहुत अधिक रहा. इसका असर अब दिख रहा है. इसके अलावा पहले जहाँ ये संक्रमण था, अब वहां कम है, जैसे पहले बिल्डिंग्स में कम थे, अब बिल्डिंग्स में अधिक है और चाल, झुग्गीवासियों में संक्रमण कम हो रहा है. खासकर महाराष्ट्र के गांव में जहाँ चुनाव हुए है, लोग वहां से शहरों में आये है, वहां भी कोरोना पॉजिटिव की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.
- इसके अलावा दिसम्बर और जनवरी के महीने में कोरोना सक्रमण में कमी और वैक्सीन आ जाने की वजह से लोग बेपरवाह अधिक हुए, उन्होंने वैक्सीन लिया और आज़ाद घूमने लगे, मास्क पहनना छोड़ दिया, शहर से बाहर घूमने जाने लगे, इससे कोरोना संक्रमण में अचानक बहुत तेजी आ गयी है.
ये भी पढ़ें- महिलाएं और डिप्रेशन
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन