रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी की मदद से यूरोलॉजी से जुड़े मामलों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं. इस नई तकनीक ने इलाज के मायने ही बदल दिए हैं. परंपरागत ओपन सर्जरी में अन्य परेशानियों का खतरा रहता था, रिकवरी टाइम लंबा रहता था, वहीं अब रोबोट की मदद से मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाएं की जा रही हैं, जिनसे सटीकता बढ़ती है, दर्द कम रहता है और तेजी से मरीज की रिकवरी होती है.
रोबोट असिस्टेड यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं में न सिर्फ सर्जरी के लिहाज मरीज को फायदे पहुंचते हैं, बल्कि इससे मरीजों की क्वालिटी ऑफ लाइफ में भी सुधार हुआ है.
डॉक्टर विकास जैन, यूरोलॉजिस्ट, रोबोटिक और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन के मुताबिक रोबोटिक यूरोलॉजिकल सर्जरी के लाभ काफी है.
रोबोटिक सर्जरी अपनी सटीकता के लिए जानी जाती है, जिसकी मदद से मुश्किल से मुश्किल मामलों में भी एकदम सही तरीके से सर्जरी को पूरा कर लिया जाता है. इस प्रक्रिया में सर्जरी की जगह की 3डी हाई डेफिनेशन तस्वीर मिलती है, जिससे डॉक्टर को पूरी स्पष्टता और कंट्रोल के साथ सर्जरी करने में मदद मिलती है. खासकर, जिन मामलों में नर्व और मसल्स टिशू को बचाना होता है जैसे कि प्रोस्टेटैक्टोमीज, जिसमें कैंसर वाले टिशू वाले टिशू को हटाया जाता है और इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उसका असर यूरिनरी व इरेक्टाइल फंक्शन पर न पड़े.
रोबोटिक सर्जरी का एक और बड़ा फायदा ये होता है कि इसमें मरीज को ट्रॉमा फील नहीं होता. मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया से की जाने वाली इस सर्जरी में छोटे कट लगाए जाते हैं, जिसकी वजह से दर्द कम होता है, इंफेक्शन का रिस्क कम रहता है और जख्म जल्दी से भरता है. परंपरागत सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी का फायदा ये होता है कि मरीज अस्पताल से कम वक्त में ही डिस्चार्ज हो जाते हैं और वो अपनी सामान्य गतिविधियों में लग जाते हैं.