सिरदर्द और कमर दर्द दोनों आज आम समस्याएं बनती जा रही हैं. 90% लोग अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर कमर दर्द से पीडि़त होते हैं. दिल्ली के सर गंगा राम हौस्पिटल के डा. सतनाम सिंह छाबड़ा के मुताबिक कमर दर्द रीढ़ की हड्डी या कमर की मांसपेशियों में समस्या के कारण ही नहीं होता, बल्कि स्पाइन में फै्रक्चर होने से भी कमर दर्द की परेशानी हो सकती है. स्पाइन में फ्रैक्चर चोट लगने के अलावा औस्टियोपोरोसिस ट्यूमर या किसी अन्य हैल्थ प्रौब्लम के कारण हो सकता है, जिस से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.

कई बार तो फ्रैक्चर का पता ही नहीं चलता जब तक कि गंभीर कमर दर्द के कारण का पता लगाने के लिए मैडिकल टैस्ट न कराया जाए.

कमर दर्द: ‘जर्नल औफ बोन ऐंड मिनिमल रिसर्च’ नामक पत्रिका के मुताबिक औस्टियोपोरोसिस के कारण होने वाले छोटे स्पाइनल फ्रैक्चर अकसर जांच में नजर नहीं आते, मगर तकलीफ पहुंचाते हैं. 4,400 बुजुर्गों पर 4 सालों से अधिक समय तक शोध किया गया. इस दौरान 28 लोगों के स्पाइन में फ्रेक्चर डाइग्नोज किया गया.

हालांकि एक्सरे में यह बात साफ हुई कि अन्य 169 लोगों के स्पाइन में भी ब्रेक्स थे, मगर इन का पता नहीं लग सका था. जिन के स्पाइन में फ्रैक्चर था उन्होंने कमर दर्द की समस्या बताई. पिछले अध्ययनों के मुताबिक उम्रदराज महिलाओं में स्पाइनल फ्रैक्चर की समस्या और भी ज्यादा पाई जाती है.

ज्यादातर कमर दर्द मस्क्युलर होते हैं और 6 सप्ताह के अंदर ठीक हो जाते हैं, मगर ये लंबे समय तक टिकें तो पूरी जांच जरूर करवाएं.

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