मासिकधर्म यानी पीरियड्स के दौरान हाइजीन का ध्यान रखना हर महिला के के लिए बेहद जरूरी है. वूमन हैल्थ और्गेनाइजेशन द्वारा कराए गए सर्वे में भारत में सभी तरह की प्रजनन संबंधी बीमारियों के पीछे मेन कारण पीरियड्स के दौरान साफसफाई का ध्यान न रखना पाया गया.

देश के देहातों में मासिकधर्म को ले कर कई तरह के भ्रम फैले हैं. ग्रामीण इलाकों में तो आज भी मासिकधर्म पर बात करना मना सा है, जिस से मासिकधर्म के दौरान साफसफाई की कमी रह जाती है, जो कई बीमारियों का कारण बनती है.

आज भी गिनीचुनी महिलाओं की ही पहुंच उन साधनों तक है, जिन से संपूर्ण हाइजीन तय होती है. ज्यादातर महिलाएं मासिकधर्म और हाइजीनिक हैल्थ प्रैक्टिस के वैज्ञानिक पहलुओं से अनजान हैं. मासिकधर्म के बारे में जानकारी की कमी के कारण न सिर्फ सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि यह महिलाओं की मासिक सेहत के लिए भी खतरा हो सकता है. वे तनाव, विश्वास में कमी जैसी परेशानियों से घिर सकती हैं.

मासिकधर्म के दौरान बेसिक हाइजीन को ले कर हर लड़की, महिला को इन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए:

सैनिटेशन का तरीका: आज बाजार में कई तरह के साधन मुहैया हैं जैसे सैनिटरी नैपकिन, टैंपून्स और मैंस्ट्रुअल कप जिन से मासिकधर्म के दौरान साफसफाई तय होती है. कुछ महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान अलगअलग दिनों पर अलगअलग प्रकार के सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करती हैं या फिर अलग प्रकार के उपायों को अपनाती हैं जैसे टैंपून और सैनिटरी नैपकिन. लेकिन कुछ किसी एक प्रकार और ब्रैंड को अपनाती हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वह आप की जरूरतों के हिसाब से सही है या नहीं.

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