कुछ साल पहले एक जापानी रिसर्चर की रिपोर्ट में कहा गया है कि तंग और अनफिटब्रा स्तनों की त्वचा पर प्रैशर डालती है, जिस से हारमोन में मैलाटोनिन बढ़ जाता है और ब्रैस्ट कैंसर होने का खतरा मंडराने लगता है. एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंस की सीनियर गाइनोकोलौजिस्ट
डाक्टर पूजा ठुकराल के अनुसार अनफिट ब्रा ब्रैस्ट पर क्रोनिक प्रैशर बनाती है, जिस से ब्रैस्ट में दर्द रहने की समस्या हो जाती है.
इसी तरह गलत पैंटी के चुनाव से भी बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां घेर लेती हैं. फिर भी महिलाएं इनरवियर को हमेशा फैशन से जोड़ कर देखती हैं न कि स्वास्थ्य से. सही फिटिंग और फैब्रिक के इनरवियर का महिलाओं की हैल्थ से गहरा संबंध है.
डाक्टर पूजा ठुकराल कहती हैं, ‘‘वर्तमान समय में फैशन के लिहाज से इनरवियर की सैकड़ों वैराइटीज बाजार में उपलब्ध हैं. महिलाएं अलगअलग ड्रैस के साथ अलगअलग फिटिंग और पैटर्न की ब्रा और पैंटी पहनती हैं. लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ देर या विशेष अवसर पर ही किया जाए तो ठीक है. यदि रोजाना सिर्फ फैशन को महत्त्व दे कर डिजाइनर और अनफिट इनरवियर पहने जाएं तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.’’
सही स्पोर्ट की जरूरत
अधिकतर महिलाएं सोचती हैं कि कपड़े से बने इनरवियर का शरीर पर भला क्या गलत प्रभाव पड़ता होगा. लेकिन ये ऐसे प्रभाव होते हैं, जो समय रहते भले न दिखते हों, मगर लौंग टर्म में इन के परिणाम जरूर अपना रंग दिखाते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार इनरवियर चुनते समय उस के सही साइज पर जरूर ध्यान देना चाहिए. खासतौर पर ब्रा चुनते वक्त फिटिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. इस का मुख्य कारण यह है कि स्तनों में हड्डियां नहीं होतीं, बल्कि बहुत ही महीन टिशूज होते हैं.
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