आज हम आपको बता रहे हैं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन की रोकथाम व उपचार से जुड़ी कुछ अहम बातें..
जो महिलाएं नियमित यौन संबंध बनाती हैं, उन में ज्यादा संख्या में बैक्टीरिया ब्लैडर में चले जाते हैं. बारबार यौन संबंध बनाने से हुए संक्रमण को ‘हनीमून सिस्टाइटिस’ कहते हैं.

यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण यूटीआई, यूरेथरा (मूत्रनली), ब्लैडर (मूत्राशय), युरेटर्स (मूत्रवाहिनी) और किडनी (गुरदे) का संक्रमण है. ये शरीर के वे भाग हैं जिन से गुजरते हुए यूरिन शरीर से बाहर निकलता है. यूटीआई में मूत्रमार्ग का कोई भी भाग संक्रमित हो सकता है. यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण जितना ऊपर स्थित होगा संक्रमण उतना ही गंभीर होगा. इस के अनुसार ही यूटीआई को अपर और लोअर में वर्गीकृत किया गया है. यूटीआई संक्रमण गंभीर हो कर डीहाइड्रेशन, सैप्सिस, किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है.

इस संक्रमण का खतरा उन महिलाओं में ज्यादा रहता है :

1. जो महिलाएं गर्भनिरोधक के रूप में डायफ्राम या स्पर्मिसीडल का उपयोग करती हैं.

2. जिन के यूरिनरी ट्रैक्ट में अवरोध आ जाता है जैसेकि पथरी या प्रौस्टेट का बढ़ जाना.

3. जिन में किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता उदाहरण के लिए स्पाइनल कौर्ड इंजरी.

4. जिन का रोगप्रतिरोधक तंत्र कमजोर हो, एड्स, डायबिटीज, अंग प्रत्यारोपण करवाने वाले रोगी और वे जिन्होंने कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरैपी कराई हो, शामिल हैं.

5. उम्रदराज लोगों और बच्चों में भी इस की आशंका बढ़ जाती है, क्योंकि वे अपने यौन अंगों को अच्छी तरह साफ नहीं कर पाते.

महिलाएं क्यों अधिक शिकार

1. महिलाओं में यूरेथरा की लंबाई पुरुषों के मुकाबले कम होती है. इस से बैक्टीरिया के लिए वहां पहुंचना आसान होता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...