महिलाएं आज सभी क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं. लेकिन वे शरीर से संबंधित किसी भी बात को खुल कर नहीं कहतीं, पति से भी नहीं. अंतरंग भाग की कुछ बीमारियों को वह किसी से नहीं कह पाती, इस का उदाहरण एक लेडी डाक्टर के पास मिला. 35 वर्षीय महिला डाक्टर से भी अपनी बात कहने से शर्म महसूस कर रही थी और डाक्टर पूरी तरह से उसे डांट रही थी जबकि उसे इंटरनली कुछ बड़ा इन्फैक्शन हो चुका था, जिस का इलाज जल्दी करना था.

इस बारे में नानावती मैक्स सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल की प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञा, डा. गायत्री देशपांडे कहती हैं कि आज भी छोटे शहरों की महिलाएं, किसी पुरुष स्त्रीरोग विशेषज्ञ से जांच नहीं करवातीं, उन के पास डिलिवरी के लिए नहीं जातीं.

असल में अंतरंग स्वच्छता और देखभाल का उन की शारीरिक व मानसिक हैल्थ पर काफी असर होता है, लेकिन जागरूकता के साथसाथ समय पर चिकित्सीय सहायता से वल्वोवैजाइनल इन्फैक्शन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है खासकर गरमियों के मौसम में इंटिमेट हाइजीन को बनाए रखना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि पसीने और गरमी से इंटिमेट पार्ट में फंगल इन्फैक्शन बहुत जल्दी होता है, इसलिए महिलाओं को इस बात से अवगत होना चाहिए कि अंतरंग स्वच्छता केवल साफसफाई नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर उन की भलाई से जुड़ा विषय है.

धार्मिक और सामाजिक बाधाओं से दूर रहें

महिलाओं को उन सभी सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक बाधाओं को खुद से दूर रखना बेहद जरूरी है क्योंकि उन्हें इस विषय पर खुल कर बातचीत करने और अंतरंग देखभाल के सब से बेहतर साधनों का उपयोग करने से रोका जाता है और कुछ घरेलू नुस्खों का प्रयोग किया जाता है, जिस से बीमारी अधिक बढ़ती है और कई बार यह इन्फैक्शन इतना अधिक फैल जाता है कि उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. यहां तक कि उस महिला की मृत्यु भी हो सकती है.

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