आइए उन लोगों की मदद करें जो “पिता बनना चाह रहे हैं’’ और बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं. बांझपन की समस्या वर्षों से एक चिंता का विषय रही है. यह दुनिया भर में 8-12% जोड़ों को प्रभावित करती है. सभी बांझपन के मामलों में, लगभग 40-50% मामले पुरुष बांझपन के कारण होते हैं. संतान सुख के लिए मां और पिता दोनों की प्रजनन क्षमता (fertility)अच्छी होनी चाहिए अगर दोनों में से किसी एक की फर्टीलिटी कमजोर होती है, तो बच्चे को जन्म देने में परेशानी आ सकती है. इसलिए  मां के साथ-साथ पिता को भी अपनी फर्टिलिटी पर ध्यान दे कर तुरंत इलाज करवाने की आवश्यकता होती है ताकि समय रहते सही इलाज किया जा सके.

फर्टिलिटी कंसल्टेंट, दिल्ली एनसीआर, नोवा साउथएंड आईवीएफ एंड फर्टिलिटी  की डॉ अस्वती नैर, बता रही हैं पुरुष बांझपन से जुड़े कलंक को दूर करने के बेहतर उपाय.

पुरूष बांझपन

दशकों पहले, बांझपन (इनफर्टिलिटी) को हमेशा एक ऐसे रूप में देखा जाता था जो कभी भी पुरुषों से संबंधित नहीं थी. हालांकि, समय बीतने के साथ इंसानी शिक्षा ने अपने सबसे तेज समय में इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया कि बांझपन पुरुषों से भी संबंधित है. हमारी सांस्कृतिक समझ में हमेशा से यह धारणा रही है कि पुरुष की वीरता हमेशा उसकी उर्वरता से मापी जाती है. एक बार यह साबित हो जाए कि वह बांझपन से पीड़ित है, तो उसकी वीरता नगण्य हो जाती है. हालांकि, बहुत से पुरुष अपनी स्थिति के बारे में बात करने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं और अपनी समस्याओं के बारे में बात करने का साहस खो देते हैं, इस डर से कि समाज उन्हें "अपमान", "कलंकित", "कमजोर", "अयोग्य" के प्रतीक के रूप में चिन्हित करेगा. यह अभी भी पुरुषों के लिए सार्वजनिक रूप से बात करने के लिए एक वर्जना बना हुआ है.

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