महिलाओं में हार्मोनल स्तर के लगातार इंबैलेंस, बैक्टीरिया या सेक्स एक्टिविटीज के कारण योनि से जुड़ी समस्याएं होती हैं. हर साल इससे लाखों महिलाएं ग्रसित होती हैं. अपनी इस बीमारी के बारे में वो किसी से खुल कर बता भी नहीं पाती हैं और सही उपचार भी नहीं कर पाती हैं. महिलाओं में योनिशोथ (Vaginitis) एक बहुत बड़ी समस्या है. वास्तव में यह संक्रमण प्रजनन के समय अधिक तेज़ी से होता है.
इस बारे में बता रही है-डॉ. रत्ना सक्सेना, फर्टिलिटी कंसल्टेंट, बिजवासन, दिल्ली एनसीआर, नोवा साउथएंड आईवीएफ एंड फर्टिलिटी.
वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन
योनि यीस्ट संक्रमण फंगल एजेंट्स की वजह से होता है जोकि अन्य लक्षणों के साथ खुजली, जलन, सूजन और योनि से बदबूदार डिस्चार्ज के रूप मे सामने आता है. लगभग 75% महिलाओं को अपने जीवन में कभी ना कभी यह रोग होता है, कई महिलाओं को तो दो या उससे ज्यादा बार यह समस्या होती है. योनि यीस्ट संक्रमण का सबसे आम कारण कैंडिडा एलिसिन, नामक एक फंगस है, जो सभी मामलों में 92 प्रतिशत तक जिम्मेदार होता है. हालांकि, यह फंगस शरीर में पहले से मौजूद होता है, लेकिन इसकी वृद्धि लक्षणों को और बिगाड़ सकती है. आमतौर पर, योनि एसिड संतुलन इस फंगस को बढ़ने से रोकता है. वैसे, योनि के एसिड में बदलाव, बीमारी, मासिक धर्म, गर्भावस्था, कुछ दवाओं या गर्भनिरोधक गोलियों के कारण भी हो सकता है, यीस्ट के बढ़ने की दर को तेज कर सकता है. वास्तव में, 50% तक महिलाओं में यह वायरस होता है फिर भी कोई लक्षण या संकेत दिखाई नहीं देते.
केवल यीस्ट संक्रमण ही सीधेतौर पर महिलाओं में प्रजनन को प्रभावित नहीं कर सकता. हालांकि, यीस्ट संक्रमण की वजह से होने वाली असहजता और खुजली उसे संभोग करने से रोक सकती है, इसलिये उसके गर्भवती होने की संभावना प्रभावित हो सकती है. यदि उपचार कराया जाए तो यीस्ट संक्रमण आसानी से ठीक किया जा सकता है और दो हफ्ते या उससे ज्यादा वक्त में खत्म किया जा सकता है.
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