पुरुष रजोनिवृत्ति सुनने में भले नया व अजीबोगरीब लगता हो लेकिन यह महिलाओं की रजोनिवृत्ति से काफी अलग स्थिति होती है. इस के संकेत, लक्षण व आवश्यक इलाज बता रहे हैं विशेषज्ञ.

पुरुषों के लिए रजोनिवृत्ति शब्द का प्रयोग कभी कभी उम्र बढ़ने के कारण टेस्टोस्टोरोन का स्तर कम होने या टेस्टोस्टोरोन की जैव उपलब्धता में कमी बताने के लिए किया जाता है.

महिलाओं की रजोनिवृत्ति और पुरुषों में रजोनिवृत्ति 2 भिन्न स्थितियां हैं. हालांकि, महिलाओं में अंडोत्सर्ग (औव्यूलेशन) खत्म हो जाता है और हार्मोंस बनने भी कम हो जाते हैं और यह सब अपेक्षाकृत कम समय में होता है जबकि पुरुषों में हार्मोन बनना और टेस्टोस्टोरोन की जैव उपलब्धता कई वर्षों में कम होती है. जरूरी नहीं है कि इस के नतीजे स्पष्ट हों.

पुरुषों में रजोनिवृत्ति महिलाओं की अपेक्षा अचानक नहीं होती है. इस के संकेत और लक्षण धीरे-धीरे और सूक्ष्मतौर पर सामने आते हैं. पुरुषों के हार्मोन टेस्टोस्टोरोन के स्तर में कमी किसी भी सूरत में उस तेजी से नहीं होती है जिस तेजी से महिलाओं में होती है. हैल्थकेयर विशेषज्ञ इसे एंड्रोपौज, टेस्टोस्टोरोन डैफिशिएंसी या देर से

शुरू हुआ हाइपोगोनाडिज्म कहते हैं. हाइपोगोनाडिज्म का मतलब है पुरुषों के हार्मोन में इतनी कमी जो किसी उम्रदराज व्यक्त्ति के लिए भी कम हो.

संकेत और लक्षण

- मूड बदलना और चिड़चिड़ापन.

- शरीर में चरबी का पुनर्वितरण.

- मांसपेशियों की कमी.

- शुष्क व पतली त्वचा.

- हाइपर हाइड्रोसिस यानी अत्यधिक पसीना निकलना.

- एकाग्रता की अवधि कम होना.

- उत्साह कम होना.

- सोने में असुविधा यानी अनिद्रा या थकान महसूस होना.

- यौन इच्छा कम हो जाना.

- यौन क्रिया ठीक से न होना

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