डॉक्टर अतुल मिश्रा, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा

कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान गठिया के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. सामान्य दिनों की तुलना में लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को घुटने के दर्द से अधिक समस्या हुई है.

घुटनों और जोड़ों के दर्द के कारण उन्हें चलनेफिरने और खासतौर पर सीढ़ियां चढ़ने में दिक्कत होती है. घुटनों में दर्द का मुख्य कारण गठिया है और इसके लिए उठनेबैठने का तौर तरीका भी काफी हद तक जिम्मेदार है. नियमित जीवन में छोटीछोटी चीजें घुटने का दर्द दे सकती हैं.

भारत के लोगों में घुटने मोड़ कर और पालथी मार कर बैठने की अक्सर आदत होती है. सामूहिक भोजन करना हो, घर के कामकाज करने हो या आपस में बातें करनी हों-इन सभी कामों में महिलाएं घुटने मोड़ कर ही बैठती है. यहां तक कि भारतीय शैली के शौचालय में भी घुटने के बल बैठना पड़ता है. बैठने की यह शैली हमारी आदतों में शुमार हो गई है और इस आदत के कारण यहां लोग कुर्सी, सोफे या पलंग पर भी घुटने मोड़ कर बैठना पसंद करते हैं. बैठने के इस तरीके में घुटने पर दबाव पड़ता है जिससे कम उम्र में ही घुटने खराब होने की आशंका बढ़ती है. हालांकि इस के असर तुरंत नहीं दिखते लेकिन उम्र बढ़ जाने पर घुटने की समस्या हो जाती है.”

ये भी पढ़ें- मजबूत इम्यूनिटी के लिए क्या खाएं?

ज्यादातर बैठ कर काम करने, कम चलनेफिरने, मोटापा, धूप के संपर्क में कम रहने, जंक फूड के सेवन और विटामिन डी की कमी से भी गठिया होती है. शुरू में मरीज के घुटे में दर्द होता है और चलनेफिरने में तकलीफ होती है लेकिन जब दिक्कत बढ़ती है तो मरीज का चलनाफिरना दूभर हो जाता है.

देश में अक्सर 40 साल से ही महिलाओं में घुटने की समस्या शुरू हो जाती है जबकि पुरुषों में यह समस्या अधिक उम्र में शुरू होती है. करीब 90 प्रतिशत भारतीय महिलाओं में विटामिन डी की कमी है जो बोन मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

कैसे पाएं निजात

अगर घुटने में दर्द और जकड़न हो और चलने-फिरने पर घुटनों में आवाज़ आए तो समझ जाइये कि गठिया की शुरुआत हो चुकी है. अगर दिक्कत शुरू हो जाए तो बैठने का तरीका बदलना चाहिए. इस के बढ़ने पर घुटनों को मोड़ने में कठिनाई होती है. घुटने में विकृतियां भी हो सकती हैं.

इस समस्या से बचने का सब से अच्छा तरीका व्यायाम है. बीमारी के प्रारंभिक चरण के रोगियों के लिए स्टेटिक क्वाड्रिसप्स व्यायाम, साइकिल चलाना और तैराकी तीन सर्वोत्तम अभ्यास हैं. व्यायाम से जोड़ों की मांसपेशियां मजबूत रहती हैं, उन का लचीलापन बना रहता है और जोड़ों को उन से सपोर्ट भी मिलता है.

मोटापे को रोकने के लिए संयमित खानपान और शारीरिक सक्रियता पर ध्यान देना चाहिए. वजन कम होने से जोड़ों पर दबाव भी कम पड़ता है.

इसके अलावा विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में शरीर को मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें- तुलसी का सेवन करने से पहले जान लें इसके अनगिनत फायदे और कुछ

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...