वायरसों से बेसिक बचाव के लिए मास्क पहना यानी नाक-मुंह ढका जाता है. मौजूदा घातक नोवल कोरोना वायरस के बहुत तेजी से फैलाव को देखते हुए विश्व संस्था डब्लूएचओ ने इस के इस्तेमाल पर काफी अधिक जोर दिया है. कुछ देशों ने तो इस के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है. हमारे देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मास्क पहनना लाजिमी करार दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पहले से ही इसे जरूरी घोषित कर रखा है.

दरअसल, कोरोना से बचाव सिर्फ आज या कल ही नहीं, बल्कि आने वाले लंबे समय तक करना होगा, क्योंकि इस की दवा फ़िलहाल उपलब्ध नहीं है. इस वायरस के नाक या मुंह के रास्ते शरीर के अंदर जाने से रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जाता है.

1. संक्रमित होने से बचाता है मास्क :

कनाडा में मैकमास्टर विश्वविद्यालय ने अपने शोध कहा है कि आम कपड़े से बने मास्क नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावी हैं. विशेषरूप से ऐसे मास्क जो सूती कपड़े के बने हों.

तेजी से फैलने वाले इस वायरस दे उभरी कोविड-19 की बीमारी, जिसे वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है, के दौरान लोगों द्वारा पहने जा रहे मास्क को ले कर किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि कपड़े के मास्क इस वायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी हो सकते हैं. सूती कपड़ों का मास्क 99 फीसदी वायरल कणों रोकता है. इसी तरह स्वास्थ्य संबंधित प्रसिद्ध पत्रिका द लैंसेट ने 16 देशों की 172 शोध रिपोर्टों का विश्लेषण किया है.

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विश्लेषण में वायरस फैलने के जोखिमों पर गौर किया गया, जिन में सामाजिक दूरी, फेसमास्क का उपयोग और आंखों पर पट्टी बांधना शामिल रहे. इन रिपोर्टों में कोविड-19 के साथसाथ दूसरे कोरोना वायरस, जैसे सार्स और मर्स के बारे में भी जांच की गई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि नोवल कोरोना में सावधानियों यानी प्रिकौशंस का असर देख कर वे दंग रह गए, क्योंकि ज़्यादातर महामारियों में प्रिकौशंस का असर मामूली रहता है.

शोधकर्ताओं का कहना था कि लोगों के बीच कपड़े से बना मास्क अधिक प्रभावी हो सकता है. उन के अनुसार, इस प्रक्रिया से संक्रमितों के ज़रिए वायरस आगे नहीं फैलेगा और आम लोग इस घातक वायरस से बच सकेंगे. इस समय दुनियाभर में कोविड-19 के कम से कम 30 फीसदी ऐसे रोगी हैं कि जिन में इस वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए जाते हैं. यही कारण है कि मास्क का इस्तेमाल स्वस्थ लोगों को इस वायरस से संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकता है.

2. यों यूज करें :

कुछ लोग जब मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसी ग़लती करते हैं कि जो उन्हें अनजाने में इस घातक वायरस का शिकार बना सकती है. सो, वायरस के इस्तेमाल करने के बारे में भी जानकारी हासिल करनी चाहिए.

3. केवल मुंह ढांकना :

सावधान, यदि मास्क द्वारा केवल चेहरा ढांका गया है तो इस से बीमारी बढ़ती है, कम नहीं होती. अमेरिका के बफ़ेलो विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख थौमस रुसो के मुताबिक़, हम आमतौर से नाक के ज़रिए सांस लेते हैं और ऐसी स्थिति में हम वायरस को नाक के माध्यम से अपने शरीर में पहुंचा सकते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि आप मास्क से केवल मुंह न ढांकें, बल्कि अपनी नाक को भी ढांकें, क्योंकि बिना नाक के ढांके आप इस वायरस से बच नहीं सकते हैं.

4. शरीर और कपड़े से दूर रखें :

कोरोना वायरस कपड़े, चेहरे या शरीर के किसी भाग पर अगर मौजूद है और मास्क ढीला कर के उसे लटकाने के दौरान वह उन जगहों तक चला जाता है तो यह भी ख़तरा बढ़ा सकता है. जानकारों के मुताबिक़, ग़लत तरीक़े से मास्क पहनने से वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ता है. अगर मास्क के अंदर वाला हिस्सा किसी चीज़, जैसे बालों, ठुड्डी, गरदन, हाथों या कपड़े से लग जाता है और फिर उसे मुंह पर लगा लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में वायरस से इन्फैक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

मास्क को ढीला करें, तो कभी उसे गरदन पर न लटकाएं, क्योंकि इस से भी ख़तरा बढ़ता है. मास्क का मुख्य उद्देश्य वायरस को नाक और मुंह से शरीर के भीतर जाने से रोकना है. इसी तरह मास्क उतारने के बाद उस के सामने वाले हिस्से को न छुएं, बल्कि उसे उस के किनारे लगी डोरी से पकड़ कर अलग करें. मास्क पहनने से पहले और उतारने के बाद हाथ धोना ज़रूरी है.

5. ढीला रखनाः

मास्क का इस्तेमाल करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मास्क आप के साइज़ का हो, यानी वह आप को सही से फिट हो जाए. कई बार ऐसा हुआ है कि लोग मास्क तो पहन लेते हैं लेकिन फिर भी उन के नाक-मुंह में पूरी तरह हवा आतीजाती रहती है. ऐसे मास्क पहनने का कोई फायदा नहीं होता. मास्क कैसा भी हो, ज़रूरी है कि वह चेहरे और नाक पर पूरी तरह फिट हो जाए, ताकि वह किसी भी चीज़ के मुंह और नाक के ज़रिए शरीर के भीतर पहुंचने में पूरी तरह रुकावट बन जाए. अगर किसी भी तरह मास्क को ढीला रखा जाएगा तो वह वायरस को शरीर में पहुंचने में मददगार साबित नहीं होगा.

6. नाक को सही तरीक़े से न ढांकना :

वायरस की रोकथाम के लिए ज़रूरी है कि मास्क के ज़रिए केवल नथुने ही न ढके हों, बल्कि पूरी नाक सही से ढकी हो. अगर नथुनों को छिपाया जाए तो ऐसी स्थिति में एक दरार रह जाएगी और उसी दरार के ज़रिए वायरस शरीर के भीतर पहुंच सकता है. यही कारण है कि विशेषज्ञ नाक को ऊपर से ढांकने का सुझाव देते हैं.

7. अच्छी तरह न धोना :

अगर आप मास्क को दोबारा इस्तेमाल करना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि वह वायरस से सुरक्षित रहे. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कपड़े से बने मास्क को वाशिंग माशीन से धोने का सुझाव देते हैं और अगर ऐसा करना संभव न हो तो कम से कम एक बार उस को अच्छी तरह ज़रूर धो लें. अगर मास्क इस्तेमाल के लाएक़ नहीं है तो उस को सुरक्षित तरीक़े से नष्ट कर दिया जाए.

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8. अन्य सावधानियां :

*  मास्क को हाथ लगाने से पहले हाथों को एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर या साबुन व पानी से अच्छे से धो लें.
*  अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छे से ढकें और सुनिश्चित करें कि कोई गैप न रहे।
* यदि आप ने अनचाहे स्थानों और लोगों से हाथ मिलाया है या आप किसी तरह उन के संपर्क में आए हैं तो कोशिश करें कि अपने मुंह पर हाथ न लगाएं. यदि आप मुंह, आंख, कान, नाक आदि पर हाथ लगाएंगे और आप के हाथ में कीटाणु मौजूद है तो वह आप की नाक द्वारा आप की सांसों में चला जाएगा और फिर आप के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. इसलिए, ध्यान रहे कि जब भी कहीं बाहर से लौटें तो फौरन किसी साबुन, हैंडवाश या सैनिटाइज़र से हाथ धोएं.

इस तरह, यह साफ़ है कि फेसमास्क पहनना या लगाना फायदेमंद है और ऐसा करना, सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक़, लाजिमी भी है लेकिन उस का सही इस्तेमाल करना अनिवार्य है. वरना, लेने के देने पड़ने वाली बात हो सकती है यानी मास्क बजाय फायदा पहुंचाने के आप को वायरस का शिकार बना सकता है. सो, जागरूक रहें और दूसरों को जागरूक करें.

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