इस लॉक डाउन में महिलाओं को घर के सारे काम और ऑफिस का काम घंटो बैठकर करना पड़ रहा है, जिससे वे पीठ दर्द की समस्या से पीड़ित हो रही है. वैसे भी महिलाओं को अधिकतर कमर दर्द से गुजरना पड़ता है. पीठ दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से महिलाओं का कई बार उठना-बैठना या कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. कोरोना संक्रमण के बीच ‘वर्क फ्रॉम होम को काफी बढ़ावा मिला है, कई कंपनियां तो लगातार अपने कर्मचारी को घर से काम करने की सलाह दी है. इसकी वाजह से 20 से 60 वर्ष की महिलाओं में लगभग 40 प्रतिशत पीठ, कंधे और गर्दन में दर्द की शिकायत बढ़ी है. मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के इंटरवेंशनल स्पाइन & मॅनेजमेंट स्पेशालिस्ट डॉ. कैलाश कोठारी कहते है कि महिलाएं पीठ दर्द को नजरंदाज करती है और इसे वे थोडा दर्द की मलहम या सेक लगाकर ठीक करने की कोशिश करती है, जबकि ऐसा नहीं होता, सही इलाज और वर्कआउट की जरुरत इसे कम करने के लिए होती है. अभी लॉकडाऊन के दौरान महिलाएं घर से ऑफिस का काम तो कर ही रही है. साथ ही घर की जिम्मेदारी भी बढ़ी है. इस वजह से महिलाओं में पीठदर्द की समस्या बढती दिखाई पड़ रही है. रोज 4 से 5 महिलाएं स्पाइन की विभिन्न समस्या के साथ इलाज के लिए अस्पताल आ रही है. पीठ दर्द के कई कारण हो सकते है, जैसे 

मसल स्ट्रेन

लोअर बैक की मांसपेशियों के खिंच जाने को मसल स्ट्रेन कहा जाता है. घर में कई बार कुछ भारी सामान उठाने से या फिर प्रेगनेंसी के बाद औरतों को इस परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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