दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी के समय में सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और देश भर में स्कूलों के बंद रहने से बच्चे प्रभावित हुए हैं. कुछ बच्चे और युवा बेहद अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और उन्हें चिंता, उदासी और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. वे अपने परिवारों पर इस वायरस के प्रभाव को लेकर भय और दुख महसूस कर सकते हैं. ऐसे भय, अनिश्चितत, और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए घर पर ही रहने जैसी स्थिति उन्हें शांत बैठे रहना मुश्किल बना सकती है. लेकिन बच्चों को सुरक्षित महसूस कराना, उनके हेल्दी रुटीन को बरकरार रखना, उनकी भावनाओं को समझना बेहद महत्वपूर्ण है. इस बारे में बता रहे हैं Kunwar’s Educational Foundation के educationist(शिक्षाविद्) राजेश कुमार सिंह.
महामारी के बारे में समाचार देखने या इसे लेकर लोगों की बातें सुनने से बच्चे डर सकते हैं. कोविड-19 ने उनके स्कूल संबंधित, मित्रता, और सामान्य रुटीन को बदल दिया है, इसलिए आपके बच्चे के भय को दूर करना और उनके शारीरिक और भावनात्मक हितों का ध्यान रखा जाना मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए. यहां ऐसे कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं जिनसे आपके बच्चे को महामारी के दबाव से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती हैः
• उम्र के स्तर पर बातचीत करें:
यदि आपका बच्चा छोटा है तो बहुत ज्यादा जानकारी उसके साथ साझा न करें, क्योंकि इससे उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. इसके बजाय, उसके द्वारा पूछे जाने वाले हरेक सवाल का जवाब देने की कोशिश करें.
• सवाल का जवाब आसानी से और ईमानदारी से दें:
यदि आपका बच्चा महामारी के बारे में कोई सवाल पूछना चाहता है तो इसके लिए ईमानदारी से जवाब देना हमेशा एक अच्छी नीति है. हालांकि आप अपने बच्चों को ज्यादा डराना नहीं चाहते हैं, लेकिन उनके साथ सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने जैसी सुरक्षा संबंधित आदतों के बारे में बात करना गलत नहीं है.