Health Tips : पिछले कुछ सालों में हैल्थ और न्यूट्रिशन इंडस्ट्री में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. पहले विटामिन कैप्सूल्स का दौर था फिर विटामिन गमीज ने बाजार में दस्तक दी और अब स्ट्रिप्स ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. मल्टीविटामिन और बायोटिन स्ट्रिप्स के साथ गट हैल्थ पैचेस तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और सोशल मीडिया पर इन का ट्रैंड भी खूब चल रहा है.
मगर सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में सेहत के लिए फायदेमंद हैं या फिर सिर्फ एक नया मार्केटिंग ट्रैंड है? क्या इन्हें डाक्टर की सलाह के बिना लेना सही है? और अगर इनका गलत इस्तेमाल किया जाए, तो क्या ये हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं? आइए, इस नए हैल्थ ट्रैंड को गहराई से समझते हैं :
कैसे काम करती हैं विटामिन स्ट्रिप्स
मल्टीविटामिन और बायोटिन स्ट्रिप्स पतली, घुलनशील फिल्म्स होती हैं, जिन्हें जीभ पर रख कर तुरंत खाया जा सकता है. ये मुंह में रखते ही घुल जाती हैं और सीधे ब्लडस्ट्रीम में जा कर असर दिखाने लगती हैं. ऐसा दावा किया जाता है कि ये स्ट्रिप्स सामान्य कैप्सूल्स और टैबलेट्स की तुलना में तेजी से असर करती हैं और इन्हें लेने में भी आसानी होती है. दावा यस भी है कि ये शुगरफ्री हैं तो हैल्थ को सजग रहने वाले लोगों के लिए भी अच्छी है. चूंकि गमीज में उन का स्वाद बढ़ाने के लिए काफी मात्रा में ऐडिड शुगर होती है, जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. अगर बाकी मल्टीविटामिंस की तुलना में स्ट्रिप्स या पैचेस पर चर्चा करें, तो ये कैप्सूल्स और टैबलेट्स के मुकाबले आसानी से पच जाती हैं, शरीर में तेजी से अवशोषित होती हैं, कैरी करना और खाना आसान होता और अलगअलग फ्लैवर्स में उपलब्ध हैं.
नुकसान (गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर)
* शरीर में विटामिन की अधिकता हो सकती है, जिस से दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
* पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
* शरीर की नैचुरल प्रोसेस को बाधित कर सकती हैं.
अब इसी तरह गट हैल्थ पैचेस भी लोगों की दिलचस्पी का नया विषय बन रहे हैं. आइए, जानते हैं कि ये क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं :
क्या होते हैं गट हैल्थ पैचेस और कैसे काम करते हैं
गट हैल्थ पैचेस एक प्रकार के ट्रांसडर्मल पैच होते हैं, जिन्हें त्वचा पर लगाया जाता है. ये त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रोबायोटिक्स, प्रीबायोटिक्स और अन्य जरूरी पोषक तत्त्वों को पहुंचाने का दावा करते हैं.
इन का उद्देश्य पाचनतंत्र यानी गट हैल्थ को स्वस्थ रखना है. कहा जाता है कि ये सीधे रक्त प्रवाह में अवशोषित हो कर गट हैल्थ को सुधारते हैं और पाचन में सुधार, सूजन को कम करने और माइक्रोबायोम को संतुलित करने में मदद करते हैं.
इस के फायदे बताए जाते हैं कि :
* पेट की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं.
* प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स की पूर्ति कर सकते हैं.
* पाचन प्रक्रिया को बेहतर बना सकते हैं.
नुकसान (अगर बिना सोचे-समझे इस्तेमाल किया जाए) :
* शरीर की नैचुरल गट बैक्टीरिया बैलेंस को प्रभावित कर सकते हैं.
* लंबे समय तक उपयोग करने से शरीर प्राकृतिक रूप से प्रोबायोटिक्स बनाने में कमी कर सकता है.
* हर किसी की बौडी को एकजैसा फायदा नहीं होता.
लेकिन, क्या वास्तव में ये शरीर के लिए जरूरी हैं? सोशल मीडिया इन्फ्लुऐंसर्स और फिटनैस ट्रैनर्स मल्टीविटामिंस खाने पर अत्यधिक जोर देते हैं. लोगों के मन में यह डर पैदा किया जाता है कि अगर वे इन का सेवन नहीं करेंगे तो हैल्थ की दौड़ में कहीं पीछे रह जाएंगे. इसलिए ये कभी कैप्सूल्स तो स्ट्रीप्स को प्रमोट करते हैं. इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफौर्म्स पर यह ट्रैंड खूब देखने को मिल रहा है. आकर्षक पैकेजिंग, चमकदार ऐडवरटाइजिंग और ‘इंस्टैंट रिजल्ट’ का दावा लोगों को इन की तरफ आकर्षित कर रहा है.
विशेषरूप से महिलाओं में बायोटिन स्ट्रिप्स का क्रेज अधिक बढ़ा है क्योंकि यह बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद बताई जाती हैं. इसी तरह, जिम जाने वालों में मल्टीविटामिंस स्ट्रिप्स का ट्रैंड तेजी से बढ़ रहा है.
लेकिन क्या इन स्ट्रीप्स का सेवन बिना डाक्टर की सलाह के करना ठीक है
बहुत से लोग बिना ब्लड टेस्ट कराए या डाक्टर से संपर्क किए बिना ही इन स्ट्रिप्स का सेवन करने लगते हैं. वे यह भी नहीं जानते कि उन के शरीर को इस की जरुरत है भी नहीं. हो सकता है कि आप की बौडी नीड आप के खाने से ही पूरी हो रही हो. ऐसे में बिना अपने शरीर की कंडीशन को समझे इन का सेवन एक गंभीर गलती हो सकती है. हमारे शरीर को किन विटामिंस की कमी है, यह सिर्फ एक हैल्थ चैकअप से ही पता चल सकता है. अगर शरीर में पहले से ही पर्याप्त विटामिंस मौजूद हैं और फिर भी आप इन का सेवन कर रहे हैं, तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है. उदाहरण के लिए :
* विटामिन डी की अधिकता : हड्डियों और किडनी पर असर डाल सकती है.
* विटामिन सी की अधिकता : ज्यादा मात्रा में लेने से पेट में गैस, डायरिया और किडनी स्टोंस की समस्या हो सकती है.
* गट हैल्थ पैचेस का बेवजह उपयोग करने से प्राकृतिक गट बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जिस से पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.
* बायोटिन स्ट्रिप्स का अधिक सेवन स्किन ऐलर्जी, पेट खराब और हारमोनल असंतुलन का कारण बन सकता है.
* मल्टीविटामिंस स्ट्रिप्स बिना जरूरत के लेने से शरीर में कुछ विटामिंस की अधिकता हो सकती है, जो लिवर और किडनी पर असर डाल सकती है.
इसलिए, केवल किसी जिम ट्रैनर, सोशल मीडिया इन्फ्लुऐंसर या दोस्तों की देखादेखी इन का सेवन करना खतरनाक हो सकता है.
सोशल मीडिया ट्रैंड्स के जाल में न फंसें
आज की आधी आबादी सिर्फ सोशल मीडिया ट्रैंड्स को देख कर सप्लीमेंट्स का सेवन कर रही है. कई कंपनियां इन उत्पादों को बड़ेबड़े दावों के साथ बेच रही हैं. लोग बिना रिसर्च किए इन का सेवन शुरू कर देते हैं, जिस से बाद में दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं. आजकल बच्चों को ले कर भी बहुत सारी ऐसी मल्टीविटामिंस गमीज मार्केट में आ रही हैं जिन्हें सैलिब्रिटीज प्रोमोट करते दिखते हैं, लेकिन क्या वास्तव में वे अपने बच्चों को ये खाने के लिए देते हैं यह कोई नहीं जानता. इस बात को ऐसे भी समझें कि बड़ेबड़े फिल्मी सितारे चीनी से भरपूर ड्रिंक्स बेचने के लिए स्क्रीन पर दिखते हैं लेकिन खुद और अपने बच्चों को चीनी का एक कण खाने से परहेज करते हैं, उसे जहर बताते हैं. इसलिए आप भी आंखें खोल कर सोचसमझ कर ही किसी को फौलो करें.
सोशल मीडिया पर ट्रैंडिंग होने का मतलब यह नहीं कि वह आप के लिए सही है. हर इंसान का शरीर अलग होता है, जरूरतें अलग होती हैं. डाक्टर या न्यूट्रिशन ऐक्सपर्ट की सलाह लें, न कि इन्फ्लुऐंसर्स की.
क्या वास्तव में स्ट्रिप्स फायदेमंद हैं
अगर सही व्यक्ति की सलाह से और सही मात्रा में लिया जाए, तो मल्टीविटामिंस या बायोटिन स्ट्रिप्स फायदेमंद हो सकती हैं. लेकिन याद रखें, इन का सेवन तभी करें जब आप के शरीर को वास्तव में इन की जरूरत हो. इन का सेवन तभी करें अगर आपके शरीर में विटामिंस की कमी पाई गई हो और डाक्टर ने इन्हें लेने की सलाह दी हो या फिर किन्ही कारणों से आप की डाइट से पूरे न्यूट्रिऐंट्स की पूरी नहीं हो पा रही हो.
सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है
गट हैल्थ पैचेस, मल्टीविटामिंस और बायोटिन स्ट्रिप्स आप के शरीर की जरूरतों को पूरा करने की प्रभावशाली तकनीक हो सकती है, लेकिन इन्हें केवल जरूरत के अनुसार ही इस्तेमाल करना चाहिए है. इन्हें आंख मूंद कर नहीं लेना चाहिए. बिना डाक्टर की सलाह के, बिना जरूरत के इन का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है. सही जानकारी लें, सही व्यक्ति से सलाह लें और अपने शरीर की वास्तविक जरूरतों को समझें. फिटनैस और हैल्थ सोशल मीडिया ट्रैंड्स से नहीं, बल्कि सही खानपान और स्वस्थ जीवनशैली से आती है.
तो अगली बार जब कोई नया हैल्थ ट्रैंड आए, तो पहले सोचें, जांचें और फिर ही कोई फैसला लें.