लोगों में एक भ्रामक धारणा है कि खर्राटे आने का मतलब गहरी नींद. परंतु सच तो यह है कि खर्राटों के कारण व्यक्ति ठीक से अपनी नींद पूरी नहीं कर पाता.
क्या आपको या फिर आपके घर में किसी को खर्राटे की समस्या है? तो क्या आपने डॉक्टर से परामर्श लिया? कई लोग खर्राटे को एक आम सी समस्या समझ कर टाल देते हैं, लेकिन यह स्लिपिंग डिसऑर्डर का एक हिस्सा है.
कारण
- जिस तरह आप बने हैं-पुरुषों की सांस लेने की नली महिलाओं की नली से पतली होती है इसलिये उन्हें खर्राटे ज्यादा आते हैं. इसके अलावा अक्सर आनुवंशिक भी होते हैं.
- नाक की खराबी-साइनस की समस्याएं, एलर्जी, नाक की सूजन आदि होना. अवरुद्ध वायुमार्ग सांस लेने में मुश्किल पैदा करती है जिससे गले में वैक्यूम बनता है और खर्राटा आता है.
- मोटापा-अधिक वजन या आकार से बाहर होना. फैटी टिशू और खराब मांसपेशियां भी खर्राटे पैदा करने की समस्या हैं.
- खूब शराब पीना-शराब, धूम्रपान, और दवाओं के अधिक सेवन से भी खर्राटे आते हैं.
- सोने का तरीका-सोते समय गले का पिछला हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है. ऐसे में ऑक्सीजन जब संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशु वायब्रेट होते हैं.
- सर्दी-अधिक दिन तक नाक बंद रहने पर डॉक्टर से जांच करवाए. नींद की गोलियां, एलर्जी रोधक दवाइयां भी श्वसन मार्ग की पेशियों को सुस्त बना देती है जिनसे खर्राटे आने लग सकते हैं.
क्या हैं बचने के तरीके
- वजन कम करें-वजन कम करने से आप गले के पीछे फैटी टिशू को कम कर सकते हैं जिससे आप खर्राटे से मुक्ती पा सकते हैं.
- एक्सरसाइज करें-शरीर के हर भाग जैसे, हाथ, पैर और एब्स की एक्सरसाइज करने से सारी मासपेशियां टोन हो जाती हैं उसी तरह से गले की भी मासपेशियों की एक्सरसाइज होती है, जिससे खर्राटे कम आते हैं.
- नशीले पदार्थ-धूम्रपान छोड़ दें. यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो आपके खर्राटों की संभावना अधिक है. स्मोकिंग वायुमार्ग की झिल्ली में परेशानी पैदा करता है और इससे नाक और गले में हवा पास होना रूक जाती है.
- सोने का समय-नियमित रूप से एक ही समय पर सोएं. सोते समय अपने शरीर को पूर्ण आराम दें तथा सोते समय ध्यान रखें कि किसी भी अंग पर जोर न पड़ें.
- कम भोजन-रात को सोने से पहले भोजन ज्यादा मात्रा में न करें, साथ ही अधिक देर तक जागने से भी बचे.
- नींद की गोलियां-सोने के लिए अगर आप नींद की गोलियों या फिर शराब आदि का प्रयोग करते है तो बंद कर देना चाहिए. क्योंकि इससे भी खर्राटे आते है.
- सिर ऊंचा-सोते समय अगर सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोया जाए तो भी खर्राटे की समस्या से बचा जा सकता है.
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