ज्यादातर महिलाएं अपने पीरियड्स के बारे में बात नहीं करना चाहतीं. यही कारण है कि इस दौरान वे हाइजीन के महत्त्व पर ध्यान नहीं देतीं और नई परेशानियों की शिकार हो जाती हैं.

माहवारी को ले कर जागरूकता का न होना भी इन परेशानियों की बड़ी वजह है. पेश हैं, कुछ सुझाव जिन पर गौर कर वे पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानियों से बच सकती हैं:

नियमित रूप से बदलें: आमतौर पर हर 6 घंटे में सैनिटरी पैड बदलना चाहिए और अगर आप टैंपोन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो हर 2 घंटे में इसे बदलें. इस के अलावा आप को अपनी जरूरत के अनुसार भी सैनिटरी प्रोडक्ट बदलना चाहिए. जैसे हैवी फ्लो के दौरान आप को बारबार प्रोडक्ट बदलना पड़ता है, लेकिन अगर फ्लो कम है तो बारबार बदलने की जरूरत नहीं होती. फिर भी हर 4 से 8 घंटे में सैनिटरी प्रोडक्ट बदलती रहें ताकि आप अपनेआप को इन्फैक्शन से बचा सकें.

अपने गुप्तांग को नियमित रूप से धो कर साफ करें: पीरियड्स के दौरान गुप्तांग के आसपास की त्वचा में खून समा जाता है, जो संक्रमण का कारण बन सकता है, इसलिए गुप्तांग को नियमित रूप से धो कर साफ करें. इस से वैजाइना से दुर्गंध भी नहीं आएगी. हर बार पैड बदलने से पहले गुप्तांग को अच्छी तरह साफ करें.

हाइजीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें: वैजाइना में अपनेआप को साफ रखने का नैचुरल सिस्टम होता है, जो अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखता है. साबुन योनि में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है इसलिए इस का इस्तेमाल न करें. आप सिर्फ पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं.

धोने का सही तरीका अपनाएं: गुप्तांग को साफ करने के लिए योनि से गुदा की ओर साफ करें यानी आगे से पीछे की ओर जाएं. उलटी दिशा में कभी न धोएं. उलटी दिशा में धोने से गुदा में मौजूद बैक्टीरिया योनि में जा सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं.

इस्तेमाल किए गए सैनिटरी प्रोडक्ट को सही जगह फेंकें: इस्तेमाल किए गए प्रोडक्ट को सही तरीके से और सही जगह फेंकें, क्योंकि यह संक्रमण का कारण बन सकता है. फेंकने से पहले लपेट लें ताकि दुर्गंध या संक्रमण न फैले. पैड या टैंपोन को फ्लश न करें, क्योंकि इस से टौयलेट ब्लौक हो सकता है. नैपकिन फेंकने के बाद हाथों को अच्छी तरह धो लें.

पैड के कारण होने वाले रैश से बचें: पीरियड्स में हैवी फ्लो के दौरान पैड से रैश होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. ऐसा आमतौर पर तब होता है जब पैड लंबे समय तक गीला रहे और त्वचा से रगड़ खाता रहे. इसलिए अपनेआप को सूखा रखें, नियमित रूप से पैड चेंज करें. अगर रैश हो जाए तो नहाने के बाद और सोने से पहले ऐंटीसैप्टिक औइंटमैंट लगाएं. इस से रैश ठीक हो जाएगा. अगर औइंटमैंट लगाने के बाद भी रैश ठीक न हो तो तुरंत डाक्टर से मिलें.

एक समय में एक ही तरह का सैनिटरी प्रोडक्ट इस्तेमाल करें: कुछ महिलाएं जिन्हें हैवी फ्लो होता है, वे एकसाथ 2 पैड्स या 1 पैड के साथ टैंपोन इस्तेमाल करती हैं या कभीकभी सैनिटरी पैड के साथ कपड़ा भी इस्तेमाल करती हैं यानी ऐसा करने से उन्हें लंबे समय तक पैड बदलने की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन बेहतर होगा कि आप एक समय में एक ही प्रोडकट इस्तेमाल करें और इसे बारबार बदलती रहें. जब एकसाथ 2 प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए जाते हैं, तो आप बारबार इन्हें बदलती नहीं, जिस कारण रैश, इन्फैक्शन की संभावना बढ़ जाती है. अगर आप पैड के साथ कपड़ा भी इस्तेमाल करती हैं, तो संक्रमण की संभावना और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि पुराना कपड़ा अकसर हाइजीनिक नहीं होता. पैड्स के प्रयोग की बात करें तो ये असहज हो सकते हैं और रैश का कारण भी बन सकते हैं.

-डा. रंजना शर्मा, सीनियर कंसलटैंट, ओब्स्टेट्रिशियन एवं गाइनेकोलौजिस्ट, इंद्रप्रस्थ अपोलो

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